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गुमनामी में खोए प्राचीन हिंदू शासकों को राष्ट्र नायक के रूप में पेश करेगी भाजपा
इतिहास संकलन समिति से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में इतिहास
में बहुत सारी विसंगतियां हैं, जिन्हें दूर करने की जरूरत है। मुगलों और
अंग्रेजों ने भारतीय इतिहास से बहुत ज्यादा छेड़छाड़ की है। इस कारण इतिहास
के बारे में नई पीढ़ी को ज्यादा जानकारी नहीं है। स्कंदगुप्त जैसे कई नायक
अभी छिपे हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय के भारतीय प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के अस्टिेंट प्रोफेसर डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि स्कंदगुप्त का इतिहास बहुत उम्दा है। गुप्तकाल के दौरान स्कंदगुप्त ने 455 से 467 ईस्वी शासन किया था। 12 वर्षों में इनके शासन में प्रजा बहुत सुखी थी। इन्होंने अपनी सभ्यता और संस्कृति की रक्षा के लिए मध्य एशिया के बर्बर आक्रांता हूणों से भीषण संग्राम किया और विजय हासिल की थी। स्कंदगुप्त ने न केवल हूणों को पराजित किया था, बल्कि गुप्त सम्राज्य की रक्षा के अलावा आर्य की संस्कृति को भी नष्ट होने से बचाया था।
लखनऊ विश्वविद्यालय के भारतीय प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के अस्टिेंट प्रोफेसर डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि स्कंदगुप्त का इतिहास बहुत उम्दा है। गुप्तकाल के दौरान स्कंदगुप्त ने 455 से 467 ईस्वी शासन किया था। 12 वर्षों में इनके शासन में प्रजा बहुत सुखी थी। इन्होंने अपनी सभ्यता और संस्कृति की रक्षा के लिए मध्य एशिया के बर्बर आक्रांता हूणों से भीषण संग्राम किया और विजय हासिल की थी। स्कंदगुप्त ने न केवल हूणों को पराजित किया था, बल्कि गुप्त सम्राज्य की रक्षा के अलावा आर्य की संस्कृति को भी नष्ट होने से बचाया था।
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