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उप्र : अंतिम चरण के चुनाव में भाजपा को महागठबंधन पर मिल सकती है बढ़त
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास रविवार को होने वाले आखिरी व सातवें चरण के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के मुकाबले संभवत: बढ़त हासिल है क्योंकि इस अंतिम चरण की 13 सीटों में से नौ सीटों पर महागठबंधन की जाति व संप्रदाय आधारित समीकरण के काम नहीं करने की संभावना है।
भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों ने 2014 में पूर्वी उत्तरप्रदेश की इन सभी 13 सीटों पर कब्जा जमाया था। इस वर्ष भी सभी की निगाहें वाराणसी संसदीय सीट पर हैं, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं।
इस बार गोरखपुर सीट पर भी सभी की निगाहें रहेंगी, भाजपा इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए पूरा जोर लगा रही है क्योंकि योगी आदित्यनाथ के इस मजबूत गढ़ पर यहां हुए उपचुनाव में महागठबंधन ने जीत दर्ज की थी।
कांग्रेस के लिए भी इस चरण के चुनाव महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रहे आर.पी.एन सिंह कुशीनगर सीट से मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं तो महाराजगंज सीट पत्रकार से राजनेता बनी सुप्रिया श्रीनेत चुनाव मैदान में खड़ी हैं।
अगर 2014 में यहां महागठबंधन के सपा और बसपा घटक दल को दिए गए मतों को देखे तो, दोनों पार्टियों के संयुक्त वोट शेयर 13 में से केवल चार सीटों में भाजपा से ज्यादा होते हैं।
सीट जहां महागठबंधन के लिए जाति और समुदाय का समीकरण काम कर सकता है, वह घोसी, बलिया, गाजीपुर और चंदौली हैं। बाकी सीटों पर 2014 के आंकड़ों के हिसाब से महागठबंधन भाजपा से पीछे है।
2014 में गोरखपुर में, सपा व बसपा का संयुक्त वोट शेयर भाजपा से कम था, तब योगी आदित्यनाथ ने 5,39,127 मत हासिल किए थे।
लेकिन भाजपा यहां समाजवादी पार्टी के प्रवीण निषाद के हाथों उपचुनाव हार गई और पहली बार योगी के गढ़ में सेंध लगी थी।
प्रवीण निषाद हालांकि इस बार भाजपा के साथ हैं और वह संत कबीर नगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि भोजपुरी अभिनेता रविकिशन गोरखपुर से भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं।
इस चरण में भाजपा की सहयोगी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी मिर्जापुर से चुनाव मैदान में हैं। वह संप्रग के ललितेश त्रिपाठी और महागठबंधन के प्रत्याशी राजेंद्र एस विंद के सामने खड़ी हैं।
वहीं भाजपा की तरफ से गाजीपुर से केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा और चंदौली से महेंद्र नाथ पांडेय चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा इस बात को लेकर आश्वस्त है कि स्थिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में है जिससे जाति और समुदाय का समीकरण अस्थिर हो जाएगा।
महाराजगंज(2014)
विजेता : पंकज-भाजपा-4,17,542
अखिलेश : सपा- 2,13,974
काशी नाथ शुक्ला : बसपा- 2,31,084
सपा और बसपा को मिलाकर - 4,45,058
फायदा : भाजपा
2019 में उम्मीदवार
पंकज चौधरी-भाजपा
सुप्रिया श्रीनेत - संप्रग
अखिलेश सिंह - महागठबंधन
तनुश्री त्रिपाठी- पीडीए
गोरखपुर(2014)
विजेता : योगी आदित्यनाथ-भाजपा - 5,39,127
राजमती निषाद- सपा- 2,26,344
रामभुआल निषाद- बसपा- 1,76,412
सपा और बसपा मिलाकर- 4,02,756
फायदा : भाजपा
2019 में उम्मीदवार
रवि किशन : भाजपा
मधुसुदन त्रिपाठी : संप्रग
रामभुआल निषाद : महागठबंधन
भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों ने 2014 में पूर्वी उत्तरप्रदेश की इन सभी 13 सीटों पर कब्जा जमाया था। इस वर्ष भी सभी की निगाहें वाराणसी संसदीय सीट पर हैं, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं।
इस बार गोरखपुर सीट पर भी सभी की निगाहें रहेंगी, भाजपा इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए पूरा जोर लगा रही है क्योंकि योगी आदित्यनाथ के इस मजबूत गढ़ पर यहां हुए उपचुनाव में महागठबंधन ने जीत दर्ज की थी।
कांग्रेस के लिए भी इस चरण के चुनाव महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रहे आर.पी.एन सिंह कुशीनगर सीट से मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं तो महाराजगंज सीट पत्रकार से राजनेता बनी सुप्रिया श्रीनेत चुनाव मैदान में खड़ी हैं।
अगर 2014 में यहां महागठबंधन के सपा और बसपा घटक दल को दिए गए मतों को देखे तो, दोनों पार्टियों के संयुक्त वोट शेयर 13 में से केवल चार सीटों में भाजपा से ज्यादा होते हैं।
सीट जहां महागठबंधन के लिए जाति और समुदाय का समीकरण काम कर सकता है, वह घोसी, बलिया, गाजीपुर और चंदौली हैं। बाकी सीटों पर 2014 के आंकड़ों के हिसाब से महागठबंधन भाजपा से पीछे है।
2014 में गोरखपुर में, सपा व बसपा का संयुक्त वोट शेयर भाजपा से कम था, तब योगी आदित्यनाथ ने 5,39,127 मत हासिल किए थे।
लेकिन भाजपा यहां समाजवादी पार्टी के प्रवीण निषाद के हाथों उपचुनाव हार गई और पहली बार योगी के गढ़ में सेंध लगी थी।
प्रवीण निषाद हालांकि इस बार भाजपा के साथ हैं और वह संत कबीर नगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि भोजपुरी अभिनेता रविकिशन गोरखपुर से भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं।
इस चरण में भाजपा की सहयोगी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी मिर्जापुर से चुनाव मैदान में हैं। वह संप्रग के ललितेश त्रिपाठी और महागठबंधन के प्रत्याशी राजेंद्र एस विंद के सामने खड़ी हैं।
वहीं भाजपा की तरफ से गाजीपुर से केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा और चंदौली से महेंद्र नाथ पांडेय चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा इस बात को लेकर आश्वस्त है कि स्थिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में है जिससे जाति और समुदाय का समीकरण अस्थिर हो जाएगा।
महाराजगंज(2014)
विजेता : पंकज-भाजपा-4,17,542
अखिलेश : सपा- 2,13,974
काशी नाथ शुक्ला : बसपा- 2,31,084
सपा और बसपा को मिलाकर - 4,45,058
फायदा : भाजपा
2019 में उम्मीदवार
पंकज चौधरी-भाजपा
सुप्रिया श्रीनेत - संप्रग
अखिलेश सिंह - महागठबंधन
तनुश्री त्रिपाठी- पीडीए
गोरखपुर(2014)
विजेता : योगी आदित्यनाथ-भाजपा - 5,39,127
राजमती निषाद- सपा- 2,26,344
रामभुआल निषाद- बसपा- 1,76,412
सपा और बसपा मिलाकर- 4,02,756
फायदा : भाजपा
2019 में उम्मीदवार
रवि किशन : भाजपा
मधुसुदन त्रिपाठी : संप्रग
रामभुआल निषाद : महागठबंधन
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