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झारखंड में 19 साल तक चली भाजपा और आजसू की दोस्ती टूटने के कगार पर!
रांची। झारखंड बनने के बाद से करीब 19 सालों तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) के बीच चली दोस्ती अब टूट के कगार पर पहुंच गई है। दोनों दलों ने हालांकि अब तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की है, परंतु इस विधानसभा चुनाव में जिस तरह एक-दूसरे के दावे वाली सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा की जा रही है, उससे यह साफ है कि दोनों दल अब बस गठबंधन के टूटने के अपयश से बचना चाह रहे हैं।
भाजपा अब तक प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी कर कुल 68 प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है, जबकि आजसू ने 12 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटें हैं। इन दोनों दलों के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब तक इस चुनावी रण में छह ऐसी सीटें हो गई हैं, जहां दोनों दलों के प्रत्याशी एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे।
इधर, झारखंड के भाजपा चुनाव प्रभारी ओम माथुर दिल्ली में गुरुवार को कह चुके हैं कि आजसू की रोज बढ़ती मांग पूरा करना असंभव है। हमलोग गठबंधन बनाए रखना चाहते हैं, तय आजसू को करना है।
भाजपा अब तक प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी कर कुल 68 प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है, जबकि आजसू ने 12 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटें हैं। इन दोनों दलों के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब तक इस चुनावी रण में छह ऐसी सीटें हो गई हैं, जहां दोनों दलों के प्रत्याशी एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे।
इधर, झारखंड के भाजपा चुनाव प्रभारी ओम माथुर दिल्ली में गुरुवार को कह चुके हैं कि आजसू की रोज बढ़ती मांग पूरा करना असंभव है। हमलोग गठबंधन बनाए रखना चाहते हैं, तय आजसू को करना है।
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