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बिलासपुर जिले में धूमधाम से मनाया गया लोहड़ी पर्व
बिलासपुर। उमंग और उत्साह का पर्व लोहड़ी बिलासपुर जिले में धूमधाम से मनाया गया। इस दिन विभिन्न हिस्सों में लोगों ने एक-दूसरे को रेवड़ी व मूंगफली वितरित कर खुशियां बांटी। लोहड़ी के त्यौहार का असली नजारा शहर में देखने को मिला। जहां पर महिलाओं और पुरुषों द्वारा लोहड़ी की पवित्र अग्नि के इर्दगिर्द लोक नृत्य कर त्यौहार की खुशी प्रकट की गई। इसके अलावा बिलासपुर के बरमाणा में एशिया की सबसे बड़ी ट्रक आपरेटर सभा बीडीटीएस ने भी अपने सदस्यों के साथ जमकर लोहड़ी का त्योहार मनाया। इसके अलावा बिलासपुर में भी लोहड़ी के दिन त्यौहार का उत्साह बढ़ाने के लिए लडक़े-लड़कियां अपनी-अपनी टोलियां बनाकर घर-घर जाकर लोहड़ी के गाने गाते हुए लोहड़ी मांगते नजर आए।
इस त्यौहार का महत्व उन लोगों के लिए और बढ़ गया, जिनके परिवार में नए बच्चे का जन्म हुआ हो या फिर किसी की नई शादी हुई हो। ऐसे घरों में लोहड़ी के जश्न को काफी उत्साह के साथ मनाया गया। वहीं शनिवार को लोहड़ी पर्व पर गुरुद्वारों में भी भक्तों की भीड़ देखी गई। इस दिन विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में भी लोहड़ी पर्व धूमधाम से मनाया गया। यह घर में नए मेहमान के स्वागत का पर्व ही नहीं बल्कि यह जीवन में खुशियां बिखरने वाला त्यौहार है।
ऐसा माना जाता है कि लोहड़ी का त्यौहार जीवन में खुशहाली का संदेश लेकर आता है। शनिवार को मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का आयोजन बिलासपुर के हर घर में हुआ, जिसको लेकर खूब रौनक रही। कहीं-कहीं बिलासपुर में भी इस दिन ग्रामीण महिलाएं सुबह मीठे पकवान बनाती है और कन्याओं को भोजन करती है। वहीं इस दिन रूठों को मनाने की भी परंपरा है।
इस त्यौहार का महत्व उन लोगों के लिए और बढ़ गया, जिनके परिवार में नए बच्चे का जन्म हुआ हो या फिर किसी की नई शादी हुई हो। ऐसे घरों में लोहड़ी के जश्न को काफी उत्साह के साथ मनाया गया। वहीं शनिवार को लोहड़ी पर्व पर गुरुद्वारों में भी भक्तों की भीड़ देखी गई। इस दिन विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में भी लोहड़ी पर्व धूमधाम से मनाया गया। यह घर में नए मेहमान के स्वागत का पर्व ही नहीं बल्कि यह जीवन में खुशियां बिखरने वाला त्यौहार है।
ऐसा माना जाता है कि लोहड़ी का त्यौहार जीवन में खुशहाली का संदेश लेकर आता है। शनिवार को मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का आयोजन बिलासपुर के हर घर में हुआ, जिसको लेकर खूब रौनक रही। कहीं-कहीं बिलासपुर में भी इस दिन ग्रामीण महिलाएं सुबह मीठे पकवान बनाती है और कन्याओं को भोजन करती है। वहीं इस दिन रूठों को मनाने की भी परंपरा है।
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