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बिकरू हत्याकांड के आरोपी का नाटकीय तरीके से आत्मसमर्पण
कानपुर।बिकरू हत्याकांड में शामिल एक आरोपी नाटकीय तरीके से गले में तख्ती लटकाए शनिवार को चौबेपुर पुलिस थाने में आत्मसमर्पण करने पहुंचा। यह 3 जुलाई की रात हुई 8 पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल था।
आरोपी उमाकांत शुक्ला ने तख्ती पर बिकरू हत्याकांड में शामिल होने की बात कबूल करते हुए अपने अपराध के लिए माफी मांगी थी।
इस दौरान उसके परिवार के सदस्यों ने भी पुलिस से उसकी जान बचाने की गुहार लगाई। चौबेपुर पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
उप्र की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और कानपुर पुलिस की नजर पहले से ही उमाकांत पर थी, उन्होंने उसके कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।
कानपुर पुलिस ने शनिवार रात एक प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया कि आरोपी का आत्मसमर्पण पुलिस की सतर्कता और लगातार छापेमारी के चलते हुआ, जिसने आरोपी पर खासा दबाव बनाया था।
पुलिस ने कहा कि उमाकांत पर 50 हजार रुपये का नकद इनाम था। पूछताछ के दौरान उसने कबूल कर लिया है कि उसने विकास दुबे और उसके साथियों अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रेम कुमार पांडे, बुआन दुबे, प्रभात मिश्रा के साथ पुलिस की टीम पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। विकास दुबे और उसके ये साथी अलग-अलग पुलिस मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं।
उमाकांत ने कहा कि उसे अपना अपराध महसूस हुआ, साथ ही पुलिस हर संभव ठिकाने पर लगातार छापेमारी कर रही थी, लिहाजा मैंने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया।
उसने कहा कि 10 जुलाई को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया नरसंहार का मुख्य आरोपी विकास दुबे 'दानव' और 'आतंकी' था।
बता दें कि उमाकांत उन नौ आरोपियों में से एक है जिन्हें या तो गिरफ्तार किया जा चुका है या जो अब तक आत्मसमर्पण कर चुके हैं। शेष छह नामजद अभियुक्तों की तलाश जारी है। ये आरोपी छोटू शुक्ला, शिव तिवारी, विष्णु पाल यादव, रामू बाजपेयी, हीरू दुबे और बाल गोविंद हैं। (आईएएनएस)
आरोपी उमाकांत शुक्ला ने तख्ती पर बिकरू हत्याकांड में शामिल होने की बात कबूल करते हुए अपने अपराध के लिए माफी मांगी थी।
इस दौरान उसके परिवार के सदस्यों ने भी पुलिस से उसकी जान बचाने की गुहार लगाई। चौबेपुर पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
उप्र की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और कानपुर पुलिस की नजर पहले से ही उमाकांत पर थी, उन्होंने उसके कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।
कानपुर पुलिस ने शनिवार रात एक प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया कि आरोपी का आत्मसमर्पण पुलिस की सतर्कता और लगातार छापेमारी के चलते हुआ, जिसने आरोपी पर खासा दबाव बनाया था।
पुलिस ने कहा कि उमाकांत पर 50 हजार रुपये का नकद इनाम था। पूछताछ के दौरान उसने कबूल कर लिया है कि उसने विकास दुबे और उसके साथियों अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रेम कुमार पांडे, बुआन दुबे, प्रभात मिश्रा के साथ पुलिस की टीम पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। विकास दुबे और उसके ये साथी अलग-अलग पुलिस मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं।
उमाकांत ने कहा कि उसे अपना अपराध महसूस हुआ, साथ ही पुलिस हर संभव ठिकाने पर लगातार छापेमारी कर रही थी, लिहाजा मैंने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया।
उसने कहा कि 10 जुलाई को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया नरसंहार का मुख्य आरोपी विकास दुबे 'दानव' और 'आतंकी' था।
बता दें कि उमाकांत उन नौ आरोपियों में से एक है जिन्हें या तो गिरफ्तार किया जा चुका है या जो अब तक आत्मसमर्पण कर चुके हैं। शेष छह नामजद अभियुक्तों की तलाश जारी है। ये आरोपी छोटू शुक्ला, शिव तिवारी, विष्णु पाल यादव, रामू बाजपेयी, हीरू दुबे और बाल गोविंद हैं। (आईएएनएस)
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