Advertisement
Bihar : RJD पुराने चेहरे के साथ चाल बदलने की जुगत में, झारखंड के नतीजे से है उत्साहित

राजद सूत्रों का कहना है कि रमई राम, उदय नारायण चौधरी, वृष्णि पटेल सहित
ऐसे नेताओं पर भी राजद की नजर है जो भाजपा और उसके सहयोगी दलों से नाराज
हैं। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी हालांकि कहते हैं कि राजद ने कभी
भी जाति की राजनीति नहीं की है। राजद शुरू से ही सभी को साथ लेकर चलती है।
उन्होंने कहा कि राजद अपने पुराने साथियों को फिर से अपने साथ लाने में
जुटी है तो इसमें गलत क्या है?
उन्होंने कहा कि इस साल होने वाले चुनाव में विपक्षी दलों का महागठबंधन तय माना जा रहा है, लेकिन इस पर अभी बहुत कुछ कहना जल्दबाजी है। इस बीच राजद के एक नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि राजद की कोशिश संगठन को मजबूत बनाने की है। मुस्लिम-यादव (माय) समीकरण को तरजीह देने के नाम पर किसी को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा, अभी तक जिलों, प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर संगठन का विस्तार नहीं हो सका है। इसी में आपको झलक मिल जाएगी। उल्लेखनीय है कि राजद की ओर से संगठन के सारे पदों को अति पिछड़ों एवं एससी-एसटी के लिए 45 प्रतिशत आरक्षित कर दिया गया है। राजद इस बीच विरोधियों पर कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साध रही है।
उल्लेखनीय है कि 2015 में महागठबंधन के साथ राजद, कांग्रेस और जद (यू) साथ में चुनावी मैदान में उतरी थी, लेकिन इस चुनाव में जद (यू) के भाजपा के साथ रहने की संभावना बनी हुई है। ऐसे में राजद किस तरह अन्य दलों को मिलाकर गठबंधन के जरिए रणनीति बनाएगी जो भाजपा, जद (यू) को चुनावी मैदान में मात दे सके, वह देखने वाली बात होगी।
(IANS)
उन्होंने कहा कि इस साल होने वाले चुनाव में विपक्षी दलों का महागठबंधन तय माना जा रहा है, लेकिन इस पर अभी बहुत कुछ कहना जल्दबाजी है। इस बीच राजद के एक नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि राजद की कोशिश संगठन को मजबूत बनाने की है। मुस्लिम-यादव (माय) समीकरण को तरजीह देने के नाम पर किसी को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा, अभी तक जिलों, प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर संगठन का विस्तार नहीं हो सका है। इसी में आपको झलक मिल जाएगी। उल्लेखनीय है कि राजद की ओर से संगठन के सारे पदों को अति पिछड़ों एवं एससी-एसटी के लिए 45 प्रतिशत आरक्षित कर दिया गया है। राजद इस बीच विरोधियों पर कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साध रही है।
उल्लेखनीय है कि 2015 में महागठबंधन के साथ राजद, कांग्रेस और जद (यू) साथ में चुनावी मैदान में उतरी थी, लेकिन इस चुनाव में जद (यू) के भाजपा के साथ रहने की संभावना बनी हुई है। ऐसे में राजद किस तरह अन्य दलों को मिलाकर गठबंधन के जरिए रणनीति बनाएगी जो भाजपा, जद (यू) को चुनावी मैदान में मात दे सके, वह देखने वाली बात होगी।
(IANS)
Advertisement
Advertisement
प्रमुख खबरें
Advertisement
Traffic
Features
