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बिहार : कोरोना के संक्रमण से बचने को भगवान की शरण, जगह-जगह हो रहे हैं धार्मिक आयोजन
हवन करा रहे आचार्य रंजीत नारायण तिवारी ने कहा कि जहां कोई भी दवा, दुआ
काम नहीं आती है, वहां मात्र भगवान का ही सहारा होता है। उन्होंने कहा कि
इस हवन यज्ञ से मुजफ्फरपुर और बिहार ही नहीं, पूरे विश्व में कोरोना वायरस
के कहर से राहत मिलेगी। इसके अलावा भी कई मंदिरों में इस संक्रामक बीमारी
को फैलने से रोकने के लिए पूजा-पाठ और हवन किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि बिहार में अब तक 72 कोरोना संदिग्धों की जांच कराई गई है, लेकिन अब तक एक भी पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है। बिहार स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 25 जनवरी से अब तक कोरोना से पीडि़त देशों से लौटे कुल 354 यात्रियों को सर्विलांस (निगरानी) पर रखा गया, जिसमें से 113 लोगों को 14 दिनों के निगरानी पूरी कर ली है।
बिहार सरकार ने कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने, जांच और इलाज में सहयोग नहीं करने वालों पर सामाजिक हित में कानूनी कार्रवाई करने तथा इसके लिए प्रशासन को व्यापक अधिकार देने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की अनुशंसा पर राज्य में एपिडेमिक डिजीज, कोविड-19, नियमावली 2020 को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।
गौरतलब है कि बिहार में अब तक 72 कोरोना संदिग्धों की जांच कराई गई है, लेकिन अब तक एक भी पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है। बिहार स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 25 जनवरी से अब तक कोरोना से पीडि़त देशों से लौटे कुल 354 यात्रियों को सर्विलांस (निगरानी) पर रखा गया, जिसमें से 113 लोगों को 14 दिनों के निगरानी पूरी कर ली है।
बिहार सरकार ने कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने, जांच और इलाज में सहयोग नहीं करने वालों पर सामाजिक हित में कानूनी कार्रवाई करने तथा इसके लिए प्रशासन को व्यापक अधिकार देने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की अनुशंसा पर राज्य में एपिडेमिक डिजीज, कोविड-19, नियमावली 2020 को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।
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