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बड़े भाई ने ही की थी बिल्डर अखिलेश की हत्या, गिरफ्तार
आजमगढ़। यूपी में आजमगढ़ पुलिस ने बीती 27 को दिल्ली निवासी बिल्डर की थाना बरदह के नरवें गांव में हुई हत्या का खुलासा करते हुए मृतक के सगे बड़े भाई अरविन्द गौतम को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार भी कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि मृतक अखिलेश गौतम की हत्या 'आनर किलिंग के लिए की गई। मृतक गांव की दूसरी जाति की युवती से अदालत में विवाह कर चुका था और अब उसे दिल्ली वाले घर में ले जाना चाहता था। लेकिन इसके लिए उसका भाई तैयार नहीं था। समझाने के बाद भी अखिलेश के नहीं मानने पर अरविन्द ने उसकी गोली मार कर हत्या कर दी और पुलिस को गुमराह करने के लिए बदमाशों द्वारा हत्या किए जाने की झूठी कहानी सुना दी। पुलिस ने आरोपी के पास से हत्या में प्रयुक्त रिवाल्वर व 11 जिन्दा कारतूस बरामद किए हैं।
पुलिस अधीक्षक नगर सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि अखिलेश गौतम हत्याकांड की जांच कर रही थानाध्यक्ष बरदह सुरेश चन्द की टीम ने जांच के आधार पर मृतक के बड़े भाई अरविंन्द गौतम को गिरफ्तार कर लिया। जिसने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल किया।
उन्होंने बताया कि जांच में टीम ने जांच में पाया कि अखिलेश गौतम जब यहां चिल्ड्रेन कालेज में पढ़ाई करता था तो उसका स्कूल में पढने वाली लडकी सोनू (काल्पनिक नाम) से प्रेम सम्बन्ध हो गए। जिसके बाद अखिलेश ने 2015 में सोनू से कोर्ट मैरेज कर ली थी। अब अखिलेश सोनू को अपने परिवार के साथ दिल्ली वाले घर में रखना चाहता था। लेकिन अलग-अलग जाति से होने के कारण दोनो परिवार वालों को रिश्ता स्वीकार नहीं था। इसके लिए कई बार अखिलेश को समझाया गया, लेकिन अखिलेश उसे दिल्ली स्थित घर पर लाने की अपनी जिद पर अड़ा था।
उन्होंने बताया कि पूछताछ में अरिवन्द ने बताया कि घटना के 5-6 दिन पहले वह (अरविन्द गौतम) अपने चालक अरविंद कुमार और दो प्राइवेट गनर जसकरन पाल व निवासन के साथ अपने गांव नरवें आया। फिर बातचीत करने के लिए अपने छोटे भाई अखिलेश गौतम को भी ट्रेन से नरवें स्थित घर बुला लिया। यहां अखिलेश और अरविन्द गौतम को लड़की के पिता नन्द कुमार बरनवाल व दत्तक पिता अशोक कमार बरनवाल ने समझाने और मामला सुलझाने का प्रयास किया। लेकिन सभी अखिलेश को समझाने में विफल रहे।
एसपी सिटी ने बताया कि इस बात को लेकर दोनों भाईयों में कहा-सुनी हुई। उसके बाद भी मृतक अखिलेश अपनी प्रेमिका को दिल्ली ले जाने के लिए अडिग रहा। यह बात बड़े भाई अरविन्द गौतम को नागवार गुजरी। उसने सोचा कि अखिलेश की वजह से नाते रिश्तेदार उनसे रिश्ता तोड़ रहे हैं। वही दूसरी जाति वाले भी दुश्मनी मान रहे हैं। इन सब को सोच कर तैश में आए अरविन्द गौतम ने अपने साथी भुपेन्द्र पहलवान से मांगकर लायी गई रिवाल्वर से अपने सगे भाई की हत्या कर दी। साथ ही पुलिस को गुमराह करने के लिए झूठी कहानी गढ़कर मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने गिरफ्तार अरविन्द गौतम की निशानदेही पर फैक्ट्री मेड रिवाल्वर 32 बोर व 11 जिन्दा कारतूस 32 बोर उसके बेड के अन्दर से बरामद कर लिए हैं।
-- आईएएनएस
पुलिस ने बताया कि मृतक अखिलेश गौतम की हत्या 'आनर किलिंग के लिए की गई। मृतक गांव की दूसरी जाति की युवती से अदालत में विवाह कर चुका था और अब उसे दिल्ली वाले घर में ले जाना चाहता था। लेकिन इसके लिए उसका भाई तैयार नहीं था। समझाने के बाद भी अखिलेश के नहीं मानने पर अरविन्द ने उसकी गोली मार कर हत्या कर दी और पुलिस को गुमराह करने के लिए बदमाशों द्वारा हत्या किए जाने की झूठी कहानी सुना दी। पुलिस ने आरोपी के पास से हत्या में प्रयुक्त रिवाल्वर व 11 जिन्दा कारतूस बरामद किए हैं।
पुलिस अधीक्षक नगर सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि अखिलेश गौतम हत्याकांड की जांच कर रही थानाध्यक्ष बरदह सुरेश चन्द की टीम ने जांच के आधार पर मृतक के बड़े भाई अरविंन्द गौतम को गिरफ्तार कर लिया। जिसने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल किया।
उन्होंने बताया कि जांच में टीम ने जांच में पाया कि अखिलेश गौतम जब यहां चिल्ड्रेन कालेज में पढ़ाई करता था तो उसका स्कूल में पढने वाली लडकी सोनू (काल्पनिक नाम) से प्रेम सम्बन्ध हो गए। जिसके बाद अखिलेश ने 2015 में सोनू से कोर्ट मैरेज कर ली थी। अब अखिलेश सोनू को अपने परिवार के साथ दिल्ली वाले घर में रखना चाहता था। लेकिन अलग-अलग जाति से होने के कारण दोनो परिवार वालों को रिश्ता स्वीकार नहीं था। इसके लिए कई बार अखिलेश को समझाया गया, लेकिन अखिलेश उसे दिल्ली स्थित घर पर लाने की अपनी जिद पर अड़ा था।
उन्होंने बताया कि पूछताछ में अरिवन्द ने बताया कि घटना के 5-6 दिन पहले वह (अरविन्द गौतम) अपने चालक अरविंद कुमार और दो प्राइवेट गनर जसकरन पाल व निवासन के साथ अपने गांव नरवें आया। फिर बातचीत करने के लिए अपने छोटे भाई अखिलेश गौतम को भी ट्रेन से नरवें स्थित घर बुला लिया। यहां अखिलेश और अरविन्द गौतम को लड़की के पिता नन्द कुमार बरनवाल व दत्तक पिता अशोक कमार बरनवाल ने समझाने और मामला सुलझाने का प्रयास किया। लेकिन सभी अखिलेश को समझाने में विफल रहे।
एसपी सिटी ने बताया कि इस बात को लेकर दोनों भाईयों में कहा-सुनी हुई। उसके बाद भी मृतक अखिलेश अपनी प्रेमिका को दिल्ली ले जाने के लिए अडिग रहा। यह बात बड़े भाई अरविन्द गौतम को नागवार गुजरी। उसने सोचा कि अखिलेश की वजह से नाते रिश्तेदार उनसे रिश्ता तोड़ रहे हैं। वही दूसरी जाति वाले भी दुश्मनी मान रहे हैं। इन सब को सोच कर तैश में आए अरविन्द गौतम ने अपने साथी भुपेन्द्र पहलवान से मांगकर लायी गई रिवाल्वर से अपने सगे भाई की हत्या कर दी। साथ ही पुलिस को गुमराह करने के लिए झूठी कहानी गढ़कर मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने गिरफ्तार अरविन्द गौतम की निशानदेही पर फैक्ट्री मेड रिवाल्वर 32 बोर व 11 जिन्दा कारतूस 32 बोर उसके बेड के अन्दर से बरामद कर लिए हैं।
-- आईएएनएस
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