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मशीन की मदद से नवजात को दी सांस, बच गई उसकी जान
भरतपुर। कुम्हेर तहसील के रीठौठी गांव की डिम्पल के नवजात शिशु के मुंह में गंदा पानी चले जाने से उसे सांस लेने में परेशानी हुई तो लुपिन फाउंडेशन की ओर से कुम्हेर चिकित्सालय को उपलब्ध कराई नियोनेटल मशीन ने नवजात की जान बचा ली। मशीन की मदद से नवजात शिशु को सांस दिलाई गई तो बालक को जीवनदान मिल गया और शिशु की मां की आंखें खुशी के आंसुओं से भर आईं।
लुपिन फाउंडेशन ने जन्म लेने वाले शिशुओं को सांस लेने में आने वाली समस्या को रोकने के लिए कुम्हेर के सामुदायिक चिकित्सालय सहित रूदावल, बयाना एवं भरतपुर के जनाना चिकित्सालय में नियोनेटल मशीनें उपलब्ध कराई हैं। करीब 10 दिन पहले रीठौठी में अपनी मां के यहां आई गर्भवती डिम्पल को कुम्हेर के सामुदायिक चिकित्सालय में समय से पूर्व प्रसव हुआ। उसने शिशु को जन्म दिया, लेकिन शिशु के मुंह में गंदा पानी चले से सांस लेने में परेशानी होने लगी। इस पर शिशु को नर्स ललिता रावत ने नियोनेटल मशीन के द्वारा सांस दिलाना शुरू किया तो शिशु की थमीं हुई सांसें फिर से शुरू हो गईं। यह जानकर डिम्पल की आंखें खुशी के आंसुओं से भर आईं। लुपिन द्वारा जिले के जिन चार चिकित्सालयों में नियोनेटल मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। इन मशीनों की मदद से प्रतिवर्ष करीब 200 से 225 शिशुओं को जीवनदान मिल रहा है।
लुपिन फाउंडेशन ने जन्म लेने वाले शिशुओं को सांस लेने में आने वाली समस्या को रोकने के लिए कुम्हेर के सामुदायिक चिकित्सालय सहित रूदावल, बयाना एवं भरतपुर के जनाना चिकित्सालय में नियोनेटल मशीनें उपलब्ध कराई हैं। करीब 10 दिन पहले रीठौठी में अपनी मां के यहां आई गर्भवती डिम्पल को कुम्हेर के सामुदायिक चिकित्सालय में समय से पूर्व प्रसव हुआ। उसने शिशु को जन्म दिया, लेकिन शिशु के मुंह में गंदा पानी चले से सांस लेने में परेशानी होने लगी। इस पर शिशु को नर्स ललिता रावत ने नियोनेटल मशीन के द्वारा सांस दिलाना शुरू किया तो शिशु की थमीं हुई सांसें फिर से शुरू हो गईं। यह जानकर डिम्पल की आंखें खुशी के आंसुओं से भर आईं। लुपिन द्वारा जिले के जिन चार चिकित्सालयों में नियोनेटल मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। इन मशीनों की मदद से प्रतिवर्ष करीब 200 से 225 शिशुओं को जीवनदान मिल रहा है।
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