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बेटी और मासूम की हत्या के आरोप में पति और ससुर को आजीवन कारावास
भरतपुर। महिला उत्पीड़न प्रकरण न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार त्रिपाठी ने दहेज की खातिर महिला की जलाकर हत्या करने वाले दामाद और ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके बाद पुलिस उनको गिरफ्तार कर केंद्रीय कारागार सेवर ले गई।
दरअसल पीतमपुरा निवासी बाबूलाल ने सेवर थाने में 4 दिसंबर 2013 को बिसदा गांव निवासी अपनी बेटी आशा देवी के पति भीम सिंह और ससुर मोहर सिंह के खिलाफ उसकी बेटी आशा को दहेज की मांग को लेकर जलाकर हत्या करने का मामला दर्ज कराया था। इस घटना में आशा के साथ उसकी तीन माह की बेटी भावना की भी जलकर मौत हो गई थी। अपर लोक अभियोजक नरेश सैन ने बताया कि सेवर थाना क्षेत्र के गांव बिसदा में बाबूलाल की दो बेटी आशा और निशा का विवाह मोहर सिंह के पुत्र भीम व जीतेन्द्र सिंह के साथ 13 अप्रैल 2012 को हुआ था, लेकिन शादी के बाद से ही पति भीम व ससुर मोहर सिंह उसकी पुत्री आशा को दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे, लेकिन 3 दिसंबर 2013 को उन्होंने आशा को जलाकर मार डाला। उसकी तीन माह की पुत्री की भी जलकर मौत हो गई। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए गवाह और दस्तावेज देखकर पिता-पुत्र को हत्या का दोषी मानते हुए उनको आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
दरअसल पीतमपुरा निवासी बाबूलाल ने सेवर थाने में 4 दिसंबर 2013 को बिसदा गांव निवासी अपनी बेटी आशा देवी के पति भीम सिंह और ससुर मोहर सिंह के खिलाफ उसकी बेटी आशा को दहेज की मांग को लेकर जलाकर हत्या करने का मामला दर्ज कराया था। इस घटना में आशा के साथ उसकी तीन माह की बेटी भावना की भी जलकर मौत हो गई थी। अपर लोक अभियोजक नरेश सैन ने बताया कि सेवर थाना क्षेत्र के गांव बिसदा में बाबूलाल की दो बेटी आशा और निशा का विवाह मोहर सिंह के पुत्र भीम व जीतेन्द्र सिंह के साथ 13 अप्रैल 2012 को हुआ था, लेकिन शादी के बाद से ही पति भीम व ससुर मोहर सिंह उसकी पुत्री आशा को दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे, लेकिन 3 दिसंबर 2013 को उन्होंने आशा को जलाकर मार डाला। उसकी तीन माह की पुत्री की भी जलकर मौत हो गई। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए गवाह और दस्तावेज देखकर पिता-पुत्र को हत्या का दोषी मानते हुए उनको आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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