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भदोही लॉकअप कांड अमानवीय , एक लाख की मदद करेंगे : हरदोई की विधायक

भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में 29
जुलाई को कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से गोपीगंज थाने के लॉकअप में बंद ऑटो
चालक रामजी मिश्र की मौत की घटना को अमानवीय बताते हुए हरदोई की विधायक
रजनी तिवारी ने पीड़ित परिवार को एक लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की इच्छा
जताई है और इसके लिए शासन से अनुमति मांगी है।
पीड़ित परिवार को राज्य सरकार की तरफ से अभी तक कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई है। चूंकि मसला दूसरे विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा है, इसलिए हरदोई की विधायक को पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद के लिए शासन से स्वीकृति की दरकार है। रजनी ने कहा कि अगर सरकार स्वीकृति नहीं देगी तो वह पीड़ित परिवार को अपने निजी फंड से 50 हजार रुपये देंगी। विधायक रजनी ने सरकार को जो पत्र लिखा है, वह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
महिला विधायक के लेटरहेड पर जारी विज्ञप्ति में लिखा गया है कि "भदोही की यह घटना बेहद अमानवीय है। यह मसला बेहद दुखद और विचारणीय है। राज्य सरकार दोषियों को निश्चित तौर पर सजा दिलाएगी। हमें पीड़ित परिवार के प्रति बेहद पीड़ा और संवेदना है। परिवार को हम एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देना चाहती हूं, चूंकि मामला राज्य के दूसरे विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा है, इसलिए स्वीकृति के लिए मैंने शासन को पत्र लिखा है। अनुमति मिल गई तो मैं विधायक निधि से उस परिवार को एक लाख रुपये की सहायता दूंगी।"
विज्ञप्ति में आगे लिखा है "अगर शासन से स्वीकृति नहीं मिली तो हम अपने निजी फंड से पीड़ित परिवार को 50 हजार रुपये की सहायता दूंगी। जरा सोचिए यह मामला हरदोई की विधायक को झकझोड़ दिया है। लेकिन भदोही जिले की राजनीति और राजनेताओं पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। जबकि भदोही से रविंद्र नाथ त्रिपाठी और औराई से दीननाथ भास्कर भाजपा के विधायक हैं। इसके अलावा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त भी सत्ताधारी दल से हैं। लेकिन किसी की तरफ से एक पैसे की निजी मदद उस परिवार को नहीं मिली। अभी तक जिला प्रशासन और शासन से भी कोई राहत नहीं मिली है। सिर्फ ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्र की तरफ से पीड़ित परिवार को मदद उपलब्ध कराई गई है। रामजी मिश्र गोपीगंज कोतवाली के फूलबाग के निवासी थे।"
दो भाइयों में संपत्ति के विवाद का झगड़ा था। उसी विवाद को लेकर थाने आए थे, लेकिन आरोप है कि थाने के लॉकअप में कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से रामजी की मौत हो गई। इस मामले के आरोपी एसआई सुनील वर्मा और चौकी प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है और वर्मा के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। जिला प्रशासन की तरफ से इस मामले की मजिस्ट्रेटी जांच चल रही है। एसपी ने विभागीय जांच का आदेश दिया है।
पीड़ित परिवार को राज्य सरकार की तरफ से अभी तक कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई है। चूंकि मसला दूसरे विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा है, इसलिए हरदोई की विधायक को पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद के लिए शासन से स्वीकृति की दरकार है। रजनी ने कहा कि अगर सरकार स्वीकृति नहीं देगी तो वह पीड़ित परिवार को अपने निजी फंड से 50 हजार रुपये देंगी। विधायक रजनी ने सरकार को जो पत्र लिखा है, वह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
महिला विधायक के लेटरहेड पर जारी विज्ञप्ति में लिखा गया है कि "भदोही की यह घटना बेहद अमानवीय है। यह मसला बेहद दुखद और विचारणीय है। राज्य सरकार दोषियों को निश्चित तौर पर सजा दिलाएगी। हमें पीड़ित परिवार के प्रति बेहद पीड़ा और संवेदना है। परिवार को हम एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देना चाहती हूं, चूंकि मामला राज्य के दूसरे विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा है, इसलिए स्वीकृति के लिए मैंने शासन को पत्र लिखा है। अनुमति मिल गई तो मैं विधायक निधि से उस परिवार को एक लाख रुपये की सहायता दूंगी।"
विज्ञप्ति में आगे लिखा है "अगर शासन से स्वीकृति नहीं मिली तो हम अपने निजी फंड से पीड़ित परिवार को 50 हजार रुपये की सहायता दूंगी। जरा सोचिए यह मामला हरदोई की विधायक को झकझोड़ दिया है। लेकिन भदोही जिले की राजनीति और राजनेताओं पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। जबकि भदोही से रविंद्र नाथ त्रिपाठी और औराई से दीननाथ भास्कर भाजपा के विधायक हैं। इसके अलावा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त भी सत्ताधारी दल से हैं। लेकिन किसी की तरफ से एक पैसे की निजी मदद उस परिवार को नहीं मिली। अभी तक जिला प्रशासन और शासन से भी कोई राहत नहीं मिली है। सिर्फ ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्र की तरफ से पीड़ित परिवार को मदद उपलब्ध कराई गई है। रामजी मिश्र गोपीगंज कोतवाली के फूलबाग के निवासी थे।"
दो भाइयों में संपत्ति के विवाद का झगड़ा था। उसी विवाद को लेकर थाने आए थे, लेकिन आरोप है कि थाने के लॉकअप में कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से रामजी की मौत हो गई। इस मामले के आरोपी एसआई सुनील वर्मा और चौकी प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है और वर्मा के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। जिला प्रशासन की तरफ से इस मामले की मजिस्ट्रेटी जांच चल रही है। एसपी ने विभागीय जांच का आदेश दिया है।
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