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आकर्षण का केंद्र बना अश्वों का नृत्य, 19 व 20 को होंगी प्रतियोगिताएं
हनुमानगढ़। सुनहरी गर्दन और मजबूत कद-काठी, कोई दूध की तरह सफेद तो कोई कस्तूरी की तरह काला। घोड़ा मालिक अपने घोड़ों की खूबियां बता रहे हैं तो खरीदार मनमाफिक घोड़ा मिलने की फिराक में मेले में घूम रहे हैं।
भटनेर अश्वपालक समिति के तत्वावधान में जंक्शन में अबोहर बाइपास के नजदीक ट्रांसपोर्ट नगर के सामने चल रहे भटनेर अश्व मेले में सजे-धजे अश्व लोगों का आकर्षण बने हुए हैं। मेला 21 फरवरी तक चलेगा। मेले में अब अश्वों की संख्या बढऩे लगी है। इस कारण मेला भी परवान पर चढऩे लगा है। मेले में हर जगह घोड़े-घोडिय़ों की हिनहिनाहट की गूंज सुनाई दे रही है। सफेद नुकरा व मारवाड़ी नस्ल के घोड़ा-घोडिय़ां और बछेरा बरबस ही खरीद-फरोख्त करने के लिए व्यापारियों को अपनी ओर खींच रहे हैं। मेले में दुकानें भी सज गई है। इसमें अश्वों के लिए सामान मिल रहा है। अश्व मेले को देखने के लिए हनुमानगढ़ ही नहीं श्रीगंगानगर जिले के गांवों के लोग भी पहुंच रहे हैं। कुछ अश्व पालक अश्वों को दौड़, नृत्य करवा कर लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं। मेले में करीब डेढ़ हजार से अधिक अश्वपालकों के पहुंचने की उम्मीद है।
समिति अध्यक्ष धन सिंह ने बताया कि शनिवार को विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। मेले में मारवाड़ी नस्ल के घोड़े-घोडिय़ों की प्रतियोगिताएं रविवार व सोमवार को होंगी। 19 फरवरी को छोटी चाल व बड़ी चाल नृत्य होगा। 20 फरवरी को सुंदरता प्रतियोगिता के अलावा अश्वों के विभिन्न वर्गांे की प्रतियोगिताएं होंगी। 21 फरवरी को समापन अवसर पर विजेताओं का सम्मान किया जाएगा। मेले में समिति के संजीव बेनीवाल, कृष्ण सहारण, केवल सिंह, दर्शन सिंह, फलक शेर, हंसराज डूडी आदि सहयोग कर रहे हैं।
विभिन्न नस्लों के अश्व
समिति सचिव सत्यदेव सुथार ने बताया कि मेले में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, गुजरात, मध्यप्रदेश और जम्मू आदि से घोड़ापालक और व्यापारी आ रहे हैं। घोड़े-घोडिय़ों का नृत्य, छोटी तथा बड़ी चाल सहित कई करतब देखते ही बनते हैं। मेले में आए विभिन्न नस्लों के घोड़े अश्व प्रेमियों को आकर्षित कर रहे हैं। मेले में नुकरा, चंबा, काला, कुमैत और सब्जा आदि नस्ल के घोड़े-घोडिय़ां 2 लाख से लेकर 15 लाख रुपए तक में मिल रहे हैं। पशुपालन विभाग की ओर से अश्वों की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जांच के लिए चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है। सुरक्षा के दृष्टिगत मेला स्थल पर पुलिस चौकी स्थापित की गई है।
भटनेर अश्वपालक समिति के तत्वावधान में जंक्शन में अबोहर बाइपास के नजदीक ट्रांसपोर्ट नगर के सामने चल रहे भटनेर अश्व मेले में सजे-धजे अश्व लोगों का आकर्षण बने हुए हैं। मेला 21 फरवरी तक चलेगा। मेले में अब अश्वों की संख्या बढऩे लगी है। इस कारण मेला भी परवान पर चढऩे लगा है। मेले में हर जगह घोड़े-घोडिय़ों की हिनहिनाहट की गूंज सुनाई दे रही है। सफेद नुकरा व मारवाड़ी नस्ल के घोड़ा-घोडिय़ां और बछेरा बरबस ही खरीद-फरोख्त करने के लिए व्यापारियों को अपनी ओर खींच रहे हैं। मेले में दुकानें भी सज गई है। इसमें अश्वों के लिए सामान मिल रहा है। अश्व मेले को देखने के लिए हनुमानगढ़ ही नहीं श्रीगंगानगर जिले के गांवों के लोग भी पहुंच रहे हैं। कुछ अश्व पालक अश्वों को दौड़, नृत्य करवा कर लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं। मेले में करीब डेढ़ हजार से अधिक अश्वपालकों के पहुंचने की उम्मीद है।
समिति अध्यक्ष धन सिंह ने बताया कि शनिवार को विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। मेले में मारवाड़ी नस्ल के घोड़े-घोडिय़ों की प्रतियोगिताएं रविवार व सोमवार को होंगी। 19 फरवरी को छोटी चाल व बड़ी चाल नृत्य होगा। 20 फरवरी को सुंदरता प्रतियोगिता के अलावा अश्वों के विभिन्न वर्गांे की प्रतियोगिताएं होंगी। 21 फरवरी को समापन अवसर पर विजेताओं का सम्मान किया जाएगा। मेले में समिति के संजीव बेनीवाल, कृष्ण सहारण, केवल सिंह, दर्शन सिंह, फलक शेर, हंसराज डूडी आदि सहयोग कर रहे हैं।
विभिन्न नस्लों के अश्व
समिति सचिव सत्यदेव सुथार ने बताया कि मेले में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, गुजरात, मध्यप्रदेश और जम्मू आदि से घोड़ापालक और व्यापारी आ रहे हैं। घोड़े-घोडिय़ों का नृत्य, छोटी तथा बड़ी चाल सहित कई करतब देखते ही बनते हैं। मेले में आए विभिन्न नस्लों के घोड़े अश्व प्रेमियों को आकर्षित कर रहे हैं। मेले में नुकरा, चंबा, काला, कुमैत और सब्जा आदि नस्ल के घोड़े-घोडिय़ां 2 लाख से लेकर 15 लाख रुपए तक में मिल रहे हैं। पशुपालन विभाग की ओर से अश्वों की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जांच के लिए चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है। सुरक्षा के दृष्टिगत मेला स्थल पर पुलिस चौकी स्थापित की गई है।
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