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श्री जुबिली नागरी भण्डार का 111 वां स्थापना दिवस पर बसन्तोत्सव-2018
बीकानेर । श्री जुबिली नागरी भण्डार के 111 वें स्थापना दिवस बसन्तोत्सव के अन्तर्गत महाराजा नरेन्द्र सिंह आॅडिटोरियम में भारतीय शास्त्रीय संगीत संध्या का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में जयपुर व बीकानेर के कलाकारों ने प्रभावी प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।
संस्था अध्यक्ष विद्यासागर आचार्य की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी के उपाध्यक्ष डा. नन्दकिषोर पुरोहित, डा गिरिजाशंकर शर्मा, शिक्षाविद ओमप्रकाश सारस्वत अतिथि थे । श्री संगीत भारती के निदेशक डा मुरारी शर्मा ने शास्त्रीय संगीत की विभिन्न धाराओं पर प्रकाष डाला । कार्यक्रम में जयपुर के प्रख्यात कलाकार डा. डी एल शर्मा ने मोहनवीणा पर राग चारूकेषी, धुन पहाडी प्रस्तुत कर समां बांध दिया ।
जयपुर के युवा शास्त्रीय गायक सौरभ वषिष्ठ ने राग पूरिया कल्याण ”अजहूं ना आये मोरे श्याम” प्रस्तुत किया । वषिष्ठ ने भजन ”धन्य भाग सेवा का अवसर पाया” की प्रभावी प्रस्तुति दी । कार्यक्रम में बीकानेर के मोईन खां ने राग बिहाग प्रस्तुत की । युवा तबलावादक उस्ताद गुलाम हुसैन ने अपने एकल वादन में तीन ताल में विविध प्रस्तुतियों से मंत्रमुग्ध कर दिया । युवा गायक पुखराज शर्मा ने अपने मांड गायन से कार्यकम में नये रंग भरे । अतिथियों द्वारा कलाकारों को शाॅल, श्रीफल, सम्मान पत्र, स्मृतिचिन्ह अर्पित कर सम्मानित किया गया । सम्मान पत्रों का वाचन कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार, कवि कथाकार कमल रंगा, गिरीराज पारीक ने किया । संयोजक अशफाक कादरी ने कलाकारों का परिचय दिया ।
कार्यक्रम में ट्रस्ट के नन्दकिशोर सोलंकी, सितारवादक डा असित अमित गोस्वामी, शिवाजी आहूजा, क्रांतिकुमार कोचर, डा. दिनेश शर्मा, डा0 प्रभा भार्गव, नागेष्वर जोषी, डा0 सत्यनारायण स्वामी, घनश्याम सिंह, मधुरिमा सिंह, षिवकुमार वर्मा, आर. शंकरन, डा0 आभाशंकर, डा. बह्याराम चैधरी सहित गणमान्य साक्षी बने ।
संस्था अध्यक्ष विद्यासागर आचार्य की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी के उपाध्यक्ष डा. नन्दकिषोर पुरोहित, डा गिरिजाशंकर शर्मा, शिक्षाविद ओमप्रकाश सारस्वत अतिथि थे । श्री संगीत भारती के निदेशक डा मुरारी शर्मा ने शास्त्रीय संगीत की विभिन्न धाराओं पर प्रकाष डाला । कार्यक्रम में जयपुर के प्रख्यात कलाकार डा. डी एल शर्मा ने मोहनवीणा पर राग चारूकेषी, धुन पहाडी प्रस्तुत कर समां बांध दिया ।
जयपुर के युवा शास्त्रीय गायक सौरभ वषिष्ठ ने राग पूरिया कल्याण ”अजहूं ना आये मोरे श्याम” प्रस्तुत किया । वषिष्ठ ने भजन ”धन्य भाग सेवा का अवसर पाया” की प्रभावी प्रस्तुति दी । कार्यक्रम में बीकानेर के मोईन खां ने राग बिहाग प्रस्तुत की । युवा तबलावादक उस्ताद गुलाम हुसैन ने अपने एकल वादन में तीन ताल में विविध प्रस्तुतियों से मंत्रमुग्ध कर दिया । युवा गायक पुखराज शर्मा ने अपने मांड गायन से कार्यकम में नये रंग भरे । अतिथियों द्वारा कलाकारों को शाॅल, श्रीफल, सम्मान पत्र, स्मृतिचिन्ह अर्पित कर सम्मानित किया गया । सम्मान पत्रों का वाचन कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार, कवि कथाकार कमल रंगा, गिरीराज पारीक ने किया । संयोजक अशफाक कादरी ने कलाकारों का परिचय दिया ।
कार्यक्रम में ट्रस्ट के नन्दकिशोर सोलंकी, सितारवादक डा असित अमित गोस्वामी, शिवाजी आहूजा, क्रांतिकुमार कोचर, डा. दिनेश शर्मा, डा0 प्रभा भार्गव, नागेष्वर जोषी, डा0 सत्यनारायण स्वामी, घनश्याम सिंह, मधुरिमा सिंह, षिवकुमार वर्मा, आर. शंकरन, डा0 आभाशंकर, डा. बह्याराम चैधरी सहित गणमान्य साक्षी बने ।
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