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गुजरात दंगों के 15 दोषियों को जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने समाजसेवा करने को कहा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा कांड के बाद 2002 में सरदारपुरा में भड़के दंगों के मामले में 15 दोषियों को मंगलवार को सशर्त जमानत दे दी। न्यायालय ने उन्हें सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया है। इस घटना में एक विशेष समुदाय के 33 लोगों को जिंदा जला दिया गया था। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने दोषियों को दो समूह में बांटा और कहा कि इनमें से छह लोग मध्यप्रदेश के इंदौर में रहेंगे, जबकि अन्य दोषियों के दूसरे समूह को मध्यप्रदेश के जबलपुर जाना होगा। इन लोगों को गुजरात में घुसने की इजाजत नहीं है।
शीर्ष अदालत ने उन्हें सामाजिक कार्य करने और जमानत अवधि के दौरान आध्यात्मिकता का अभ्यास करने के लिए कहा, ताकि उनमें नैतिक मार्गदर्शन को सु²ढ़ करने में मदद मिल सके। शीर्ष अदालत ने इंदौर और जबलपुर में जिला विधि अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि जमानत देने के शीर्ष अदालत के निर्देश के अनुसार, अपराधी आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यों में संलग्न हैं भी या नहीं।
शीर्ष अदालत ने उन्हें सामाजिक कार्य करने और जमानत अवधि के दौरान आध्यात्मिकता का अभ्यास करने के लिए कहा, ताकि उनमें नैतिक मार्गदर्शन को सु²ढ़ करने में मदद मिल सके। शीर्ष अदालत ने इंदौर और जबलपुर में जिला विधि अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि जमानत देने के शीर्ष अदालत के निर्देश के अनुसार, अपराधी आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यों में संलग्न हैं भी या नहीं।
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