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Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि विवाद पर सुनवाई पूरी, जानिए आज पूरा दिन क्या हुआ
अयोध्या/ नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को ऐतिहासिक रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई पूरी हो गई। आज इस सुनवाई का 40वां दिन था। हिंदू पक्ष के लिए निर्मोही अखाड़ा, हिंदू महासभा, रामजन्मभूमि न्यास की ओर से दलीलें रखी गईं, तो वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से राजीव धवन ने दलीलें रखीं। शीर्ष अदालत ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया। ये मामला वर्ष 1949 में पहली बार कोर्ट में गया था। 6 अगस्त को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई शुरू हुई थी, जो करीब डेढ़ माह बाद खत्म हो गई है।
अपडेट...
-सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई खत्म हो गई है। सबसे आखिर में मुस्लिम पक्ष की ओर से दलीलें रखी गईं हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने लिखित हलफनामा, मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लिखित में जमा करने के लिए तीन दिन का समय दिया है।
- मुस्लिम पक्ष राजीव धवन ने हिन्दू पक्षकारों की दलीलों का जवाब देते हुए कहा कि यात्रियों की किताबों के अलावा इनके पास टाइटल यानी मालिकाना हक का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि 1886 में फैज़ाबाद कोर्ट कह चुका था कि वहां हिन्दू मन्दिर का कोई सबूत नहीं मिला, हिंदुओं ने उसे चुनौती भी नहीं दी। उन्होंने कहा कि शिवाजी के वक्त हिंदुस्तान में राष्ट्रवाद बढ़ा। राजीव धवन ने कहा कि हिंदू मंदिर का कोई सबूत ही नहीं है, 1886 में कमिश्नर ने कहा था कि हिंदुओं के पास अधिकार नहीं है।
- मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन की बहस शुरू हुई, उन्हें बोलने के लिए डेढ़ घंटे का वक्त मिला है। राजीव धवन ने कहा कि धर्मदास ने केवल ये साबित किया कि वो पुजारी है न कि गुरू, इसके अलावा हिन्दू महासभा की तरफ से सरदार रविरंजन सिंह, दूसरी विकाश सिंह, तीसरा सतीजा और चौथा हरि शंकर जैन के सबूत दिए गए हैं। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि ये वायरल हो गया है कि मैंने कोर्ट में नक्शा फाड़ा, लेकिन मैंने ये कोर्ट के आदेश पर किया। मैंने कहा था कि मैं इसे फेंकना चाहता हूं तब चीफ जस्टिस ने कहा कि तुम इसे फाड़ सकते हो। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने कहा था कि अगर आप फाड़ना चाहें तो फाड़ दें।
राजीव धवन ने कहा कि इसका मतलब है महासभा 4 हिस्सों में बंट गया है, क्या दूसरी महासभा इसको सपोर्ट करता है? इसके अलावा उन्होंने रंजीत कुमार को जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी नहीं बनने का सवाल किया।
-हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने जब अदालत में एक किताब को रखने का प्रयास किया तो मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर ऐसा हुआ तो वह इनके सवालों का जवाब नहीं देंगे। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि ठीक है, आप जवाब मत देन। विकास सिंह ने एडिशनल डॉक्यूमेंट के तौर पर पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की किताब बेंच को दी। वकीलों की तीखी बहस के बीच चीफ जस्टिस खफा होते हुए कहा कि हमारी तरफ से दोनों ओर से बहस पूरी हो गए है। हम सिर्फ इस इसलिए सुन रहे हैं कि कोई कुछ कहना चाहता है तो कह दे, हम अभी उठ कर जा भी सकते हैं।
- हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने बताया कि मैं किताब पर अपना जवाब नहीं दे रहा हूं लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक एक नक्शा दिखाना चाहता हूं। इसी दौरान राजीव धवन ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ये भी किताब का हिस्सा है, इसे मंजूरी नहीं दी जा सकती है। इतना कहते ही राजीव धवन ने उस नक्शे को फाड़ दिया, पांच टुकड़े कर दिए। हिंदू महासभा के वकील ने इस दौरान बुकनन और थ्रेलर की किताबों का हवाला दिया।
हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने जब अदालत में एक किताब को रखने का प्रयास किया तो मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर ऐसा हुआ तो वह इनके सवालों का जवाब नहीं देंगे। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि ठीक है, आप जवाब मत देन। विकास सिंह ने एडिशनल डॉक्यूमेंट के तौर पर पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की किताब बेंच को दी।
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-सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई खत्म हो गई है। सबसे आखिर में मुस्लिम पक्ष की ओर से दलीलें रखी गईं हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने लिखित हलफनामा, मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लिखित में जमा करने के लिए तीन दिन का समय दिया है।
- मुस्लिम पक्ष राजीव धवन ने हिन्दू पक्षकारों की दलीलों का जवाब देते हुए कहा कि यात्रियों की किताबों के अलावा इनके पास टाइटल यानी मालिकाना हक का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि 1886 में फैज़ाबाद कोर्ट कह चुका था कि वहां हिन्दू मन्दिर का कोई सबूत नहीं मिला, हिंदुओं ने उसे चुनौती भी नहीं दी। उन्होंने कहा कि शिवाजी के वक्त हिंदुस्तान में राष्ट्रवाद बढ़ा। राजीव धवन ने कहा कि हिंदू मंदिर का कोई सबूत ही नहीं है, 1886 में कमिश्नर ने कहा था कि हिंदुओं के पास अधिकार नहीं है।
- मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन की बहस शुरू हुई, उन्हें बोलने के लिए डेढ़ घंटे का वक्त मिला है। राजीव धवन ने कहा कि धर्मदास ने केवल ये साबित किया कि वो पुजारी है न कि गुरू, इसके अलावा हिन्दू महासभा की तरफ से सरदार रविरंजन सिंह, दूसरी विकाश सिंह, तीसरा सतीजा और चौथा हरि शंकर जैन के सबूत दिए गए हैं। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि ये वायरल हो गया है कि मैंने कोर्ट में नक्शा फाड़ा, लेकिन मैंने ये कोर्ट के आदेश पर किया। मैंने कहा था कि मैं इसे फेंकना चाहता हूं तब चीफ जस्टिस ने कहा कि तुम इसे फाड़ सकते हो। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने कहा था कि अगर आप फाड़ना चाहें तो फाड़ दें।
राजीव धवन ने कहा कि इसका मतलब है महासभा 4 हिस्सों में बंट गया है, क्या दूसरी महासभा इसको सपोर्ट करता है? इसके अलावा उन्होंने रंजीत कुमार को जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी नहीं बनने का सवाल किया।
-हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने जब अदालत में एक किताब को रखने का प्रयास किया तो मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर ऐसा हुआ तो वह इनके सवालों का जवाब नहीं देंगे। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि ठीक है, आप जवाब मत देन। विकास सिंह ने एडिशनल डॉक्यूमेंट के तौर पर पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की किताब बेंच को दी। वकीलों की तीखी बहस के बीच चीफ जस्टिस खफा होते हुए कहा कि हमारी तरफ से दोनों ओर से बहस पूरी हो गए है। हम सिर्फ इस इसलिए सुन रहे हैं कि कोई कुछ कहना चाहता है तो कह दे, हम अभी उठ कर जा भी सकते हैं।
- हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने बताया कि मैं किताब पर अपना जवाब नहीं दे रहा हूं लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक एक नक्शा दिखाना चाहता हूं। इसी दौरान राजीव धवन ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ये भी किताब का हिस्सा है, इसे मंजूरी नहीं दी जा सकती है। इतना कहते ही राजीव धवन ने उस नक्शे को फाड़ दिया, पांच टुकड़े कर दिए। हिंदू महासभा के वकील ने इस दौरान बुकनन और थ्रेलर की किताबों का हवाला दिया।
हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने जब अदालत में एक किताब को रखने का प्रयास किया तो मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर ऐसा हुआ तो वह इनके सवालों का जवाब नहीं देंगे। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि ठीक है, आप जवाब मत देन। विकास सिंह ने एडिशनल डॉक्यूमेंट के तौर पर पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की किताब बेंच को दी।
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