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किश्ती हादसे से सबक लेने में प्रशासन ने नहीं दिखाई रुचि
कुरुक्षेत्र। जिला प्रशासन ने पिछली बार हुए गीता जयंती महोत्सव के दौरान हुए किश्ती हादसे से इस बार कोई सबक नहीं लिया। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की समाप्ति के बाद 11 दिसंबर रविवार को जिला प्रशासन अपने खास चहेतों को रिझाने के लिए ऐतिहासिक ब्रह्मसरोवर में घंटों बोटिंग करवाता रहा। इस बार बोटिंग का लुत्फ उठाने वालों में डीसी कार्यालय की ही एक महिला कर्मचारी सहित कई अन्य अधिकारियों के परिजन भी शामिल रहे। सुबह दस बजे शुरू हुई मोटर बोट दोपहर में पेट्रोल खत्म होने के बाद एक बारगी पानी के बीचों बीच रुक भी गई। बाद में चालक ने हाथ के चप्पु को काम में लेकर कड़ी मशक्कत के बाद तट तक बोट पहुंचाई। मीडियाकर्मियों की ओर से बोट चालक से बोट चलाने की अनुमति के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि मैडम अर्थात् डीसी की पीए ने इसके आदेश दिए थे। बाद में मीडिया से जानकारी मिलने के बाद उपायुक्त ने तुरंत अपने कर्मी को मौके पर भेजा और वोटिंग रुकवाई। लेकिन सवाल ये उठता है कि पिछले साल हुए हादसे के बाद भी मौके पर वोटिंग कैसे कराई गई। क्या अब प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा।
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