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ज्योतिषीय ज्ञान प्रामाणिक और सहज रूप में आम जन तक पहुंचाया जाए - राज्यपाल
जयपुर । राज्यपाल कलराज मिश्र ने ज्योतिषीय ज्ञान को प्रामाणिक और सहज रूप में आम जन तक पहुंचाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि ज्योतिष भारत की अनमोल धरोहर है, इसमें समाहित ज्ञान का आधुनिक वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में वृहद स्तर पर विकास होना चाहिए।
राज्यपाल मिश्र शनिवार को मानसरोवर स्थित दीपशिखा कॉलेज में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एवं पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान की ओर से ज्योतिष विद्या पर आयोजित प्रथम इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि ज्योतिष ज्ञान से जुड़े अध्ययन को प्रोत्साहित करने के साथ ही इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए भी कार्य किया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि ज्योतिष का ज्ञान वैदिक परंपराओं का मूल है। पृथ्वी, आकाश एवं नक्षत्रमण्डल के ग्रहों की गतियों तथा उनसे होने वाले प्रभाव की चर्चा ज्योतिष शास्त्र में जिस सूक्ष्मता से मिलती है, वह अन्यत्र कहीं नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि विद्वानों को ज्योतिष ज्ञान को प्राचीन वेद विज्ञान और खगोलीय ज्ञान से जोड़कर पूर्ण प्रमाण के आधार पर प्रसारित करना होगा।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि ज्योतिषीय ज्ञान भारतीय लोक जीवन में भी गहराई तक व्याप्त है । खेती और वर्षा के संबंध में भारतीय काल गणना पर आधारित भविष्यवाणियां आज भी सटीक मानी जाती है। उन्होंने इसी अनुरूप ज्योतिष ज्ञान को आमजन के लिए सुगम करने की आवश्यकता बताई।
राज्यपाल ने आयोजन को भारतीय ज्योतिष और वास्तु विज्ञान से जुड़े ज्ञान पर आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विचार- विमर्श की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने इस दौरान भारतीय संत परंपरा से जुड़े से जुड़े अपने अनुभव भी सभी से साझा किए।
राज्यपाल मिश्र शनिवार को मानसरोवर स्थित दीपशिखा कॉलेज में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एवं पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान की ओर से ज्योतिष विद्या पर आयोजित प्रथम इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि ज्योतिष ज्ञान से जुड़े अध्ययन को प्रोत्साहित करने के साथ ही इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए भी कार्य किया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि ज्योतिष का ज्ञान वैदिक परंपराओं का मूल है। पृथ्वी, आकाश एवं नक्षत्रमण्डल के ग्रहों की गतियों तथा उनसे होने वाले प्रभाव की चर्चा ज्योतिष शास्त्र में जिस सूक्ष्मता से मिलती है, वह अन्यत्र कहीं नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि विद्वानों को ज्योतिष ज्ञान को प्राचीन वेद विज्ञान और खगोलीय ज्ञान से जोड़कर पूर्ण प्रमाण के आधार पर प्रसारित करना होगा।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि ज्योतिषीय ज्ञान भारतीय लोक जीवन में भी गहराई तक व्याप्त है । खेती और वर्षा के संबंध में भारतीय काल गणना पर आधारित भविष्यवाणियां आज भी सटीक मानी जाती है। उन्होंने इसी अनुरूप ज्योतिष ज्ञान को आमजन के लिए सुगम करने की आवश्यकता बताई।
राज्यपाल ने आयोजन को भारतीय ज्योतिष और वास्तु विज्ञान से जुड़े ज्ञान पर आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विचार- विमर्श की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने इस दौरान भारतीय संत परंपरा से जुड़े से जुड़े अपने अनुभव भी सभी से साझा किए।
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