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अशोक गजपति राजू ने मानस ट्रस्ट की 500 एकड़ जमीन का किया हेरफेर: विजयसाई रेड्डी
अमरावती। युवाजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य वी. विजयसाई रेड्डी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि अशोक गजपति राजू ने साल 2010 में महाराजा अलक नारायण सोसाइटी ऑफ आर्ट्स एंड साइंस (मानस) के अध्यक्ष रहते हुए लगभग 500 एकड़ जमीन को अवैध रूप से हथिया लिया। रेड्डी ने आरोप लगाया, "2016 में मानस ट्रस्ट के अध्यक्ष रहते हुए राजू फर्जी ऑर्डर हासिल करने में कामयाब रहे और 115 एकड़ को अवैध रूप से बेच दिया। 2010 में भी उन्होंने 500 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया था।"
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार इन सभी जमीन के लेन-देन की जांच करेगी।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि अगर ट्रस्ट की कोई जमीन बेची जानी है तो वह कोर्ट की अनुमति से ही करनी होगी।
रेड्डी ने आरोप लगाया कि "न्यायालय की अनुमति के बिना, वह सरकार से एक नकली जीओ लाये और अवैध रूप से 115 एकड़ जमीन बेच दी। 115 एकड़ भूमि को बेचने की क्या आवश्यकता थी?"
वाईएसआरसीपी नेता ने यह जानने की मांग की कि "कोर्ट की अनुमति क्यों नहीं ली गई। यहां तक कि उन्होंने कहा कि एंडोमेंट मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को इन मामलों की जांच करने का निर्देश दिया है।"
रेड्डी के अनुसार, "राजू ने 500 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था जब 2010 में पुराने सर्वेक्षण नंबर नए रजिस्टरों में दर्ज किए जा रहे थे। मैं एक बात कहना चाहता हूं। जब आप किसी को राजा कहते हैं, तो वह लोगों पर शासन करने वाला व्यक्ति होता है। लोग उससे क्या उम्मीद करेंगे? अच्छी गुणवत्ता, अच्छा चरित्र, उसकी उदारता और लोगों के लिए अपनी संपत्ति का बंटवारा गुण, लेकिन यह राजा (राजू) में यह गुण है कि लोगों का पैसा कैसे खाया जाता है और मानस का पैसा कैसे लूटा जाता है।"
बुधवार को रेड्डी ने बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम में एक संवाददाता सम्मेलन में बात की। जिसका उद्देश्य बंदोबस्ती भूमि और मंदिरों के विकास की रक्षा करना था।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि एक एकड़ की बंदोबस्ती भूमि का भी अतिक्रमण ना हो।
राजू तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के वरिष्ठ नेता हैं। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में उन्हें मानस ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में बहाल किया है।
--आईएएनएस
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार इन सभी जमीन के लेन-देन की जांच करेगी।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि अगर ट्रस्ट की कोई जमीन बेची जानी है तो वह कोर्ट की अनुमति से ही करनी होगी।
रेड्डी ने आरोप लगाया कि "न्यायालय की अनुमति के बिना, वह सरकार से एक नकली जीओ लाये और अवैध रूप से 115 एकड़ जमीन बेच दी। 115 एकड़ भूमि को बेचने की क्या आवश्यकता थी?"
वाईएसआरसीपी नेता ने यह जानने की मांग की कि "कोर्ट की अनुमति क्यों नहीं ली गई। यहां तक कि उन्होंने कहा कि एंडोमेंट मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को इन मामलों की जांच करने का निर्देश दिया है।"
रेड्डी के अनुसार, "राजू ने 500 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था जब 2010 में पुराने सर्वेक्षण नंबर नए रजिस्टरों में दर्ज किए जा रहे थे। मैं एक बात कहना चाहता हूं। जब आप किसी को राजा कहते हैं, तो वह लोगों पर शासन करने वाला व्यक्ति होता है। लोग उससे क्या उम्मीद करेंगे? अच्छी गुणवत्ता, अच्छा चरित्र, उसकी उदारता और लोगों के लिए अपनी संपत्ति का बंटवारा गुण, लेकिन यह राजा (राजू) में यह गुण है कि लोगों का पैसा कैसे खाया जाता है और मानस का पैसा कैसे लूटा जाता है।"
बुधवार को रेड्डी ने बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम में एक संवाददाता सम्मेलन में बात की। जिसका उद्देश्य बंदोबस्ती भूमि और मंदिरों के विकास की रक्षा करना था।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि एक एकड़ की बंदोबस्ती भूमि का भी अतिक्रमण ना हो।
राजू तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के वरिष्ठ नेता हैं। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में उन्हें मानस ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में बहाल किया है।
--आईएएनएस
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