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आसाराम मामला : दूसरे दोषी की सजा निलंबित
जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आसाराम से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में एक और दोषी की सजा निलंबित कर दी। मामले में संचिता गुप्ता उर्फ शिल्पी के साथ-साथ शरत चंद्रा को भी 20 साल कारावास की सजा दी गई थी। हालांकि चंद्रा को सजा के खिलाफ उनकी अपील पर सुनवाई पूरी होने तक साल में एक बार अदालत में हाजिरी लगानी होगी। उच्च न्यायालय ने 29 सितंबर को शिल्पी की सजा निलंबित कर दी थी।
चंद्रा के वकील निशांत बोरा ने कहा, "चंद्रा जल्द ही जेल से बाहर होंगे, लेकिन उनको साल में एक बार तब तक अदालत में हाजिरी लगानी होगी जब तक सजा के खिलाफ उनकी अपील पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती।"
निचली अदालत ने आसाराम को उनके छिंदवाड़ा स्थित गुरुकुल में एक नाबालिग का यौन शोषण करने के लिए 25 मार्च को आजीवन सजा सुनाई थी। उनके दो सहयोगियों शिल्पी और शरत को भी 20 साल की सजा सुनाई गई थी। तीनों ने अपनी-अपनी सजा को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। दो सह-आरोपियों की सजा निलंबित कर दी गई है, जबकि आसाराम की याचिका अदालत के समक्ष लंबित है। आसाराम के दो अन्य सहयोगी और मामले में सह-आरोपी शिवा और प्रकाश को निचली अदालत ने बरी कर दिया था।
--आईएएनएस
चंद्रा के वकील निशांत बोरा ने कहा, "चंद्रा जल्द ही जेल से बाहर होंगे, लेकिन उनको साल में एक बार तब तक अदालत में हाजिरी लगानी होगी जब तक सजा के खिलाफ उनकी अपील पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती।"
निचली अदालत ने आसाराम को उनके छिंदवाड़ा स्थित गुरुकुल में एक नाबालिग का यौन शोषण करने के लिए 25 मार्च को आजीवन सजा सुनाई थी। उनके दो सहयोगियों शिल्पी और शरत को भी 20 साल की सजा सुनाई गई थी। तीनों ने अपनी-अपनी सजा को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। दो सह-आरोपियों की सजा निलंबित कर दी गई है, जबकि आसाराम की याचिका अदालत के समक्ष लंबित है। आसाराम के दो अन्य सहयोगी और मामले में सह-आरोपी शिवा और प्रकाश को निचली अदालत ने बरी कर दिया था।
--आईएएनएस
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