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सूद बने चंडीगढ़ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष, टंडन बने राष्ट्रीय परिषद के सदस्य
इस अवसर पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में राष्ट्रीय
परिषद के सदस्य संजय टंडन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जिस इंसान
(मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ) ने अपनी ऊंगली पकड़कर भाजपा में चलना
सिखाया आज ऐसी महान शख्सियत के द्वारा उनके नाम की घोषणा राष्ट्रिय परिषद्
सदस्य के नाते हो रही है। उन्होंने अपने 10 वर्षों के कार्यकाल के दौरान
हुए अनुभवों पर कहा कि उनकी समूची कार्यकारिणी सदस्य, बूथ,मंडल, जिला,
मोर्चा, प्रकोष्ठों के सभी पदाधिकारियों ने अपने अपने लगी जिम्मेदारी का
भरपूर पालना की है जिसके लिए वे उनका आभार व्यक्त करते हैं। साथ ही
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने यह जिम्मेदारी संभाली थी तो अपने अनुभव और
पार्टी के पदाधिकारियो के सहयोग से आज पार्टी हर मोर्चे पर आगे है।
उन्होंने गर्व के साथ कहा कि यह दस वर्ष कैसे बीते पता ही नहीं चला। इन दस वर्षों से काफी कुछ सीखने को मिला। पुराने दोस्तों के साथ-साथ नए दोस्त भी बने। सभी लोगों के साथ काम करके सुखद हुआ और अपने कार्यकाल के दौरान हुए कार्यों से वे काफी संतुष्ट हैं। साथ ही उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से माफ़ी मांगते हुए कहा कि यदि राजधर्म निभाते हुए उनसे कभी त्रुटि हुई हो तो उसके लिए वे माफ़ी मांगते हैं। उन्होंने नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष को परामर्श देते हुए कहा कि यह हमारी परंपरा है कि कोई एक स्थान छोड़ता है तो दूसरा इसको प्राप्त करता है। ऐसे में हमारा यह परम कर्तव्य है कि परिवार के मुखिया की की तरह बिना भेदभाव, गुटबाजी के पार्टी को आगे बढाने के लिए तत्पर रहे । अपने उद्बोदन के उपरान्त जैसे ही प्रदेश अध्यक्ष के लिए अरुण सूद के नाम की घोषणा हुई संजय टंडन ने तुरंत सारी चाबियां, रजिस्टर और जरूरी कागजात नवनिर्वाचित अध्यक्ष को सौंपे और उनके उज्जवल भविष्य की मंगलकामना की। गौरतलब है कि प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन ने अपने पदभार को छोड़ने के तुरंत उपरान्त उन्होंने सोशल मीडिया में स्टेटस में अपने नाम के आगे जहां जहां भी प्रदेश अध्यक्ष लिखा था उसको बदल कर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किया और साथ ही प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष के स्थान पर सहयोग कक्ष में जाकर बैठ गए और सभी लोगों से वही मिलने लगे।
उन्होंने गर्व के साथ कहा कि यह दस वर्ष कैसे बीते पता ही नहीं चला। इन दस वर्षों से काफी कुछ सीखने को मिला। पुराने दोस्तों के साथ-साथ नए दोस्त भी बने। सभी लोगों के साथ काम करके सुखद हुआ और अपने कार्यकाल के दौरान हुए कार्यों से वे काफी संतुष्ट हैं। साथ ही उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से माफ़ी मांगते हुए कहा कि यदि राजधर्म निभाते हुए उनसे कभी त्रुटि हुई हो तो उसके लिए वे माफ़ी मांगते हैं। उन्होंने नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष को परामर्श देते हुए कहा कि यह हमारी परंपरा है कि कोई एक स्थान छोड़ता है तो दूसरा इसको प्राप्त करता है। ऐसे में हमारा यह परम कर्तव्य है कि परिवार के मुखिया की की तरह बिना भेदभाव, गुटबाजी के पार्टी को आगे बढाने के लिए तत्पर रहे । अपने उद्बोदन के उपरान्त जैसे ही प्रदेश अध्यक्ष के लिए अरुण सूद के नाम की घोषणा हुई संजय टंडन ने तुरंत सारी चाबियां, रजिस्टर और जरूरी कागजात नवनिर्वाचित अध्यक्ष को सौंपे और उनके उज्जवल भविष्य की मंगलकामना की। गौरतलब है कि प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन ने अपने पदभार को छोड़ने के तुरंत उपरान्त उन्होंने सोशल मीडिया में स्टेटस में अपने नाम के आगे जहां जहां भी प्रदेश अध्यक्ष लिखा था उसको बदल कर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किया और साथ ही प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष के स्थान पर सहयोग कक्ष में जाकर बैठ गए और सभी लोगों से वही मिलने लगे।
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