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गैस कंपनी के नाम पर ठगी के आरोपी गिरफ्तार
नोहर (हनुमानगढ़)। मध्यप्रदेश में बंद हो चुकी एलपीजी गैस कंपनी-प्राची गैस बोटलिंग के चार डायरेक्टर और जनरल मैनेजर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन पर करीब एक करोड़ की ठगी करने का आरोप है। गैस कंपनी के डायरेक्टर और जनरल मैनेजर ऐसी ठगी के मामले में अलवर जेल में बंद थे। स्थानीय पुलिस उन्हें अलवर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर यहां लेकर आई है।
प्राची गैस बोटलिंग प्रा.लि. कम्पनी के स्थानीय डीलर बलवीर स्वामी निवासी गोकुलपुरा और भादरा के डीलर देवीलाल जाट निवासी डोबी ने अगस्त 2016 में नोहर थाने में मामले दर्ज कराए थे। दोनों मामलों के जांच अधिकारी एसआई सुरेश मील ने बताया कि अलवर जेल से कंपनी के डायरेक्टर दलीप सोनी, रमेश सोनी, विजय सोनी और पवन सोनी (चारों भाई) पुत्र गणेश प्रसाद सोनी निवासी इंदिरा कालोनी, लखनऊ तथा जनरल मैनेजर अजीत सिंह पुत्र आशीष राजपूत निवासी साकेतनगर, जिला देवरिया उतरप्रदेश को गिरफ्तार कर लाया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 में आरोपितों ने अपनी गैस कंपनी के विज्ञापन अखबारों में छपवाए। इसके बाद बलवीर व देवीलाल के सम्पर्क करने पर पांचों ने नोहर आकर उनसे बातचीत की। दोनों से आठ-आठ लाख रुपए अमानत व दो-दो लाख रुपए एक्सप्लोसिव लाइसेंस के लिए और दोनों को डीलरशिप दे दी। आरोपितों ने एजेंसी आवंटितों से गैस सिलेंडर व अन्य सामान की राशि भी अपने खातों में जमा करवा ली। आरोपित दोनों संचालकों से 80-80, 85-85 लाख रुपए लेकर यहां गैस सिलेंडर की सप्लाई देते रहे।
एसआई मील के अनुसार दिसम्बर 2013 में कंपनी ने मध्यप्रदेश में अपना बोटलिंग प्लांट अचानक बंद कर दिया और सभी डायरेक्टर व प्रबंधक गायब हो गए। इस पर उनके खिलाफ राजस्थान सहित हरियाणा, मध्यप्रदेश, पंजाब, हिमाचल, बिहार, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में मुकदमे दर्ज हुए। ठगी के शिकार देवीलाल व दलवीर ने भी इनके खिलाफ नोहर थाने में मामला दर्ज कराया। बोटलिंग प्लांट बंद करने के बाद डायरेक्टर व जनरल मैनेजर ने एजेंसी धारकों को अमानत व सिलेंडर पेटे ली राशि चुकता नहीं की। उन्होंने प्लांट बंद करने के कुछ समय बाद तक नोहर व भादरा की गैस एजेंसियों को सिलेंडर की सप्लाई की मगर संचालकों के करीब एक करोड़ से अधिक रुपए डकार गए।
एसआई मील ने बताया कि केवल राजस्थान में ही इस कंपनी के विरुद्ध 150 मामले दर्ज हैं तथा देश भर में दर्ज मामलों की संख्या 450 बताई गई है। यह कंपनी देशभर में अपने एजेंसी संचालकों के लगभग 12 सौ करोड़ रुपए डकार गए। कंपनी का एक डायरेक्टर दलीप सोनी अब तक करीब सौ मामलों में गिरफ्तार हो चुका। वह वर्ष 2014 से देश की अलग-अलग जेलों में बंद है।
प्राची गैस बोटलिंग प्रा.लि. कम्पनी के स्थानीय डीलर बलवीर स्वामी निवासी गोकुलपुरा और भादरा के डीलर देवीलाल जाट निवासी डोबी ने अगस्त 2016 में नोहर थाने में मामले दर्ज कराए थे। दोनों मामलों के जांच अधिकारी एसआई सुरेश मील ने बताया कि अलवर जेल से कंपनी के डायरेक्टर दलीप सोनी, रमेश सोनी, विजय सोनी और पवन सोनी (चारों भाई) पुत्र गणेश प्रसाद सोनी निवासी इंदिरा कालोनी, लखनऊ तथा जनरल मैनेजर अजीत सिंह पुत्र आशीष राजपूत निवासी साकेतनगर, जिला देवरिया उतरप्रदेश को गिरफ्तार कर लाया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 में आरोपितों ने अपनी गैस कंपनी के विज्ञापन अखबारों में छपवाए। इसके बाद बलवीर व देवीलाल के सम्पर्क करने पर पांचों ने नोहर आकर उनसे बातचीत की। दोनों से आठ-आठ लाख रुपए अमानत व दो-दो लाख रुपए एक्सप्लोसिव लाइसेंस के लिए और दोनों को डीलरशिप दे दी। आरोपितों ने एजेंसी आवंटितों से गैस सिलेंडर व अन्य सामान की राशि भी अपने खातों में जमा करवा ली। आरोपित दोनों संचालकों से 80-80, 85-85 लाख रुपए लेकर यहां गैस सिलेंडर की सप्लाई देते रहे।
एसआई मील के अनुसार दिसम्बर 2013 में कंपनी ने मध्यप्रदेश में अपना बोटलिंग प्लांट अचानक बंद कर दिया और सभी डायरेक्टर व प्रबंधक गायब हो गए। इस पर उनके खिलाफ राजस्थान सहित हरियाणा, मध्यप्रदेश, पंजाब, हिमाचल, बिहार, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में मुकदमे दर्ज हुए। ठगी के शिकार देवीलाल व दलवीर ने भी इनके खिलाफ नोहर थाने में मामला दर्ज कराया। बोटलिंग प्लांट बंद करने के बाद डायरेक्टर व जनरल मैनेजर ने एजेंसी धारकों को अमानत व सिलेंडर पेटे ली राशि चुकता नहीं की। उन्होंने प्लांट बंद करने के कुछ समय बाद तक नोहर व भादरा की गैस एजेंसियों को सिलेंडर की सप्लाई की मगर संचालकों के करीब एक करोड़ से अधिक रुपए डकार गए।
एसआई मील ने बताया कि केवल राजस्थान में ही इस कंपनी के विरुद्ध 150 मामले दर्ज हैं तथा देश भर में दर्ज मामलों की संख्या 450 बताई गई है। यह कंपनी देशभर में अपने एजेंसी संचालकों के लगभग 12 सौ करोड़ रुपए डकार गए। कंपनी का एक डायरेक्टर दलीप सोनी अब तक करीब सौ मामलों में गिरफ्तार हो चुका। वह वर्ष 2014 से देश की अलग-अलग जेलों में बंद है।
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