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अरावली को मिलेंगे 20 और कृत्रिम तालाब, आखिर क्यों, यहां पढ़ें
गुरुग्राम । भोंडसी, रायसीना, मानेसर, कासन सहित अन्य जानवरों की आबादी को राहत देने के लिए, जिला वन्यजीव विभाग ने अगले साल अरावली पहाड़ी क्षेत्र में 20 कृत्रिम तालाब विकसित करने की योजना बनाई है।
इसके लिए एक सर्वेक्षण पहले ही पूरा हो चुका है और इन 20 के साथ, अरावली में कृत्रिम तालाबों की संख्या 40 हो जाएगी।
अधिकारियों ने कहा कि अकेले गुरुग्राम के बंधवाड़ी, वजीराबाद, मानेसर, कासन, रायसीना, मंडावर, भोंडसी और दमदमा क्षेत्रों के अरावली पहाड़ी इलाकों में वन्यजीवों की बढ़ती आबादी है।
पिछले कुछ सालों में इनकी आबादी में इजाफा हुआ है। वन्यजीव विभाग प्राकृतिक तालाबों में पानी की आपूर्ति के अलावा मौजूदा 20 कृत्रिम तालाबों को भरता था, हालांकि, जलवायु परिवर्तन और हर साल गर्मी के तापमान में वृद्धि के साथ वन्यजीव आबादी को अपनी प्यास बुझाने के लिए मानव क्षेत्रों के अंदर पहुंचने के लिए मजबूर किया है।
इसे किसी भी समय प्रभावी मानव-पशु संघर्ष परि²श्य मानते हुए अतिरिक्त कृत्रिम तालाब बनाने पर चर्चा हुई, जिसे पिछले सप्ताह वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में मंजूरी दी गई थी।
जिन क्षेत्रों पर विचार किया गया उनमें गुरुग्राम जिले के वजीराबाद, बंदवाड़ी और कासन शामिल हैं। गुरुग्राम के अलावा अरावली पहाड़ी क्षेत्र हरियाणा के फरीदाबाद, नूंह और महेंद्रगढ़ जिलों के अंतर्गत आता है।
प्रधान मुख्य संरक्षक अधिकारी, वन विभाग के एम.एस मलिक ने योजना के तहत अगले एक साल के भीतर अरावली पहाड़ी क्षेत्र में 20 अतिरिक्त कृत्रिम तालाब बनाए जाएंगे। तालाब इस तरह से बनाया जाएगा कि वन्य जीव इन तालाबों का आसानी से पता लगा सकें।
--आईएएनएस
इसके लिए एक सर्वेक्षण पहले ही पूरा हो चुका है और इन 20 के साथ, अरावली में कृत्रिम तालाबों की संख्या 40 हो जाएगी।
अधिकारियों ने कहा कि अकेले गुरुग्राम के बंधवाड़ी, वजीराबाद, मानेसर, कासन, रायसीना, मंडावर, भोंडसी और दमदमा क्षेत्रों के अरावली पहाड़ी इलाकों में वन्यजीवों की बढ़ती आबादी है।
पिछले कुछ सालों में इनकी आबादी में इजाफा हुआ है। वन्यजीव विभाग प्राकृतिक तालाबों में पानी की आपूर्ति के अलावा मौजूदा 20 कृत्रिम तालाबों को भरता था, हालांकि, जलवायु परिवर्तन और हर साल गर्मी के तापमान में वृद्धि के साथ वन्यजीव आबादी को अपनी प्यास बुझाने के लिए मानव क्षेत्रों के अंदर पहुंचने के लिए मजबूर किया है।
इसे किसी भी समय प्रभावी मानव-पशु संघर्ष परि²श्य मानते हुए अतिरिक्त कृत्रिम तालाब बनाने पर चर्चा हुई, जिसे पिछले सप्ताह वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में मंजूरी दी गई थी।
जिन क्षेत्रों पर विचार किया गया उनमें गुरुग्राम जिले के वजीराबाद, बंदवाड़ी और कासन शामिल हैं। गुरुग्राम के अलावा अरावली पहाड़ी क्षेत्र हरियाणा के फरीदाबाद, नूंह और महेंद्रगढ़ जिलों के अंतर्गत आता है।
प्रधान मुख्य संरक्षक अधिकारी, वन विभाग के एम.एस मलिक ने योजना के तहत अगले एक साल के भीतर अरावली पहाड़ी क्षेत्र में 20 अतिरिक्त कृत्रिम तालाब बनाए जाएंगे। तालाब इस तरह से बनाया जाएगा कि वन्य जीव इन तालाबों का आसानी से पता लगा सकें।
--आईएएनएस
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