Appeal to return funds received from Chinese companies for PM Care Fund-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Apr 18, 2024 1:30 pm
Location
Advertisement

पीएम केयर फंड के लिए चीनी कंपनियों से प्राप्त फंड वापिस करने की अपील

khaskhabar.com : मंगलवार, 30 जून 2020 12:14 PM (IST)
पीएम केयर फंड के लिए चीनी कंपनियों से प्राप्त फंड वापिस करने की अपील
चंडीगढ़ । चीन के प्रति सख़्त रवैया अपनाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कोई झड़प से पहले चीन की कंपनियों से पी.एम.केयर फंड के लिए प्राप्त किये फंड वापिस करने की अपील की है।
मीडिया के साथ बातचीत के दौरान जानकारी देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पी.एम.केयर फंड, जिसकी स्थापना कोविड -19 महामारी से लडऩे के लिए फंड एकत्रित करने के मकसद से की गई है, के लिए 7करोड़ रुपए का योगदान हावेइ से लिया गया। इसके अलावा अन्य चीनी कंपनी टिक -टॉक की तरफ से 30 करोड़, शियोमी की तरफ से 10 करोड़ और ओपो की तरफ से एक करोड़ दिए गए। उन्होंने कहा कि यह योगदान 2013 से शुरू हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फंड तुरंत वापिस करने चाहिएं क्योंकि भारत को कोविड -19 से लडऩे के लिए चीनी फंडों की ज़रूरत नहीं और भारत इस चुनौती भरे समय के दौरान संकट का मुकाबला स्वयं करने की स्थिति में है।
चीनी हमले पर दुख ज़ाहिर करते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि एक तरफ़ चीनी हमारे सैनिकों को मार रहे थे और दूसरी तरफ़ प्रधानमंत्री केयरज़ फंड में योगदान डाल रहे थे जो अनुचित है और इसलिए यह फंड वापस किये जाने चाहिएं।
संसद में राहुल गांधी के साथ चीनी झड़प पर बहस सम्बन्धी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान संबंधी पूछे सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि संसद 1962 की भारत -चीन जंग से लेकर विचार करने का सही मंच है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इस संवेदनशील मुद्दे पर अपनी पार्टी का पक्ष रखने पूरी तरह काबिल हैं।
सरहद पर हुए तनाव के पिछले कारणों संबंधी कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से 1963 में पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर के अंदर शकसगाम घाटी के उत्तरी हिस्से छोड़ देने के उपरांत चीन सियाचिन ग्लेशियर के अर्ध तक पहुँच गया था। इसके अलावा एक क्षेत्र, यदि किसी तरह चीन से सम्बन्धित है, उन्होंने विस्तार में बताया कि ग्लेशियर और अक्साई चीन क्षेत्र के बीच थोड़ी दूरी है, जिसको दौलत बैग गैप कहा जाता है और इसी को चीन की तरफ से बंद करने के यत्न किये जा रहे हैं जिससे भारत की 1947 के पुराने कश्मीर की तरफ पहुँच को ख़त्म किया जा सके। उन्होंने साथ ही इस सरहद पर तनाव को घटाने के लिए फ़ौजी और कूटनीतक हल की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar Punjab Facebook Page:
Advertisement
Advertisement