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‘अम्मा’ की मौत में नया खुलासा, पुलिस ने बंद कराए थे CCTV कैमरे : अपोलो
चेन्नई। पूरे देश में अम्मा के नाम से पहचाने जाने वाली तमिलनाडु की दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के मौत को लेकर एक के बाद एक खुलासे हो रहे है। जयललिता के बारे में अपोलो अस्पताल की तरह से एक नया खुलासा हुआ है।
अस्पताल के मुताबिक जब उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उसके बाद खुफिया विभाग के पुलिस महानिरीक्ष के.एन साथियामुर्थी और कुछ पुलिस वालों ने अस्पताल का सीसीटीवी कैमरा बंद करने को कहा था। जिसके बाद अस्पताल का सीसीटीवी बंद किया गया था।
अस्पताल का सीसीटीवी कैमरा बंद करवाने को लेकर अपोलो अस्पताल की तरफ से शुक्रवार को इस मामले की जानकारी लिखित तौर पर मामले के जांच आयोग के अध्यक्ष ए अरुमुघस्वामी को दिया है। जिसमें अस्पताल ने साफ शब्दों में कहा है कि जयललिता के भर्ती होने के बाद उनके प्राइवेसी का हवाला देते हुए खुफिया के पुलिस महानिरीक्ष के.एन साथियामुर्थी और जयललिता के करीबियों ने उन्हें जिस आईसीयू वार्ड में रखा गया था।
वहां पर लगे सीसीटीवी कैमरा को बंद करवा दिया था। ताकि उनके इलाज के दौरान कोई उनके ऊपर नजर ना रख पाए। बता दें, 22 सितंबर 2016 को पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने से 5 दिसंबर 2016 को अंतिम सांस लेने तक के मामले की जांच की जा रही है। जांच आयोग इस बात की जांच कर रहा है कि आखिर जयललिता की मौत किन परिस्थितियों में हुई।
अस्पताल के मुताबिक जब उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उसके बाद खुफिया विभाग के पुलिस महानिरीक्ष के.एन साथियामुर्थी और कुछ पुलिस वालों ने अस्पताल का सीसीटीवी कैमरा बंद करने को कहा था। जिसके बाद अस्पताल का सीसीटीवी बंद किया गया था।
अस्पताल का सीसीटीवी कैमरा बंद करवाने को लेकर अपोलो अस्पताल की तरफ से शुक्रवार को इस मामले की जानकारी लिखित तौर पर मामले के जांच आयोग के अध्यक्ष ए अरुमुघस्वामी को दिया है। जिसमें अस्पताल ने साफ शब्दों में कहा है कि जयललिता के भर्ती होने के बाद उनके प्राइवेसी का हवाला देते हुए खुफिया के पुलिस महानिरीक्ष के.एन साथियामुर्थी और जयललिता के करीबियों ने उन्हें जिस आईसीयू वार्ड में रखा गया था।
वहां पर लगे सीसीटीवी कैमरा को बंद करवा दिया था। ताकि उनके इलाज के दौरान कोई उनके ऊपर नजर ना रख पाए। बता दें, 22 सितंबर 2016 को पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने से 5 दिसंबर 2016 को अंतिम सांस लेने तक के मामले की जांच की जा रही है। जांच आयोग इस बात की जांच कर रहा है कि आखिर जयललिता की मौत किन परिस्थितियों में हुई।
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