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नशे का कारोबार कम थमेगा पंजाब में,एक और युवक की गई जान
फजिल्का। पंजाब में कांग्रेस सरकार के सता में आते
ही राज्य भर में नशे को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस द्वारा नशों के
ख़िलाफ़ अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद नशे के सौदागर नौजवान को
नशा बाँटकर उनको अपना शिकार बना रहे हैं और पुलिस सरकार के आगे अपनी नाक
बचाने के लिए ऐसे मामलों पर पर्दा डालती नज़र आ रही है।
जहां एक ऐसा मामला ज़िला फाजिल्का के गाँव सुखेरा बोदला में देखने को मिला। जहाँ एक नौजवान नशे की भेंट चढ़ गया। जहां इस मामले को लेकर मृतक की पत्नी ने पुलिस को दिए अपने बयानों में इसकी मौत का कारण नशा बताया है। वहीं मृतक के बाकी पारिवारिक सदस्यों ने इसको डॉक्टर की लापरवाही बताया है और पुलिस मीडिया के सामने इस सारे मामले पर पर्दा डालती नज़र आ रही है, क्योंकि उनके थाने की बदनामी न हो और नशे को लेकर उनके एरिए का सच लोगों के सामने न आ सके।
जानकारी के मुताबिक मामला कुछ इस तरह था कि फाजिल्का के गाँव सुखेरा बोदला में एक नौजवान ने कुछ दिन पहले टीके के ज़रिये ज़्यादा नशा किया था, जिसके बाद नौजवान की लगातार हालत बिगड़ती गई और परिवार वाले उसे बचाने के लिए कई अस्पतालों में लेकर गए लेकिन नौजवान ने राजस्थान के श्री गंगानगर में एक प्राइवेट अस्पताल में दम तोड़ दिया। जिसके बाद नौजवान को घर वापिस लाया गया। जहां किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। पुलिस ने जब मृतक की पत्नी के बयान दर्ज किये तो उसकी पत्नी ने इसका कारण नशे का टीका बताया और पुलिस ने लाश को कब्ज़े में लेकर 174 की कार्रवाई अमल में ला कर इसे पोस्टमॉर्टम के लिए फाजिल्का के सिविल अस्पताल लाया। जहाँ मामले को देखते डाक्टरों ने इसकी गहराई के साथ जांच करवाने के लिए लाश का पोस्टमॉर्टम फरीदकोट के मेडिकल कालेज में करवाने के लिए मृतक के पारिवारिक सदस्यों को कहा लेकिन मृतक के पारिवारिक सदस्य लाश का पोस्टमॉर्टम फाजिल्का में करवाने के लिए अड़ गए।
पोस्टमॉर्टम करवाने आए पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि उनका लड़का बीमार हुआ था और गाँव के डॉक्टर ने उसे गलत टीका लगा दिया, जिसके बाद लड़के की मौत हो गई और डॉक्टर उसका पोस्टमॉर्टम नहीं कर रहे।
उधर मृतक का पोस्टमॉर्टम करने वाले डाक्टर का कहना है कि मामला काफ़ी पेंचीदा है इस लिए वह इसकी गहराई के साथ जांच कर रहे है और बाकायदा डाक्टरों का बोर्ड बनाकर मृतक व्यक्ति के शरीर में से नमूने लेकर लेबोटरी के लिए भेजे जा रहे है ।
वहीं जब इस सारे मामले नसबन्दी जांच अधिकारी करनैल सिंह से मामले की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने मीडिया के सामने अपने थाने की इज्जत को बचाते हुए मामले पर पर्दा डालते हुए कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया और उनके उच्चअधिकारियों के साथ बात करने की बात कही।
जहां एक ऐसा मामला ज़िला फाजिल्का के गाँव सुखेरा बोदला में देखने को मिला। जहाँ एक नौजवान नशे की भेंट चढ़ गया। जहां इस मामले को लेकर मृतक की पत्नी ने पुलिस को दिए अपने बयानों में इसकी मौत का कारण नशा बताया है। वहीं मृतक के बाकी पारिवारिक सदस्यों ने इसको डॉक्टर की लापरवाही बताया है और पुलिस मीडिया के सामने इस सारे मामले पर पर्दा डालती नज़र आ रही है, क्योंकि उनके थाने की बदनामी न हो और नशे को लेकर उनके एरिए का सच लोगों के सामने न आ सके।
जानकारी के मुताबिक मामला कुछ इस तरह था कि फाजिल्का के गाँव सुखेरा बोदला में एक नौजवान ने कुछ दिन पहले टीके के ज़रिये ज़्यादा नशा किया था, जिसके बाद नौजवान की लगातार हालत बिगड़ती गई और परिवार वाले उसे बचाने के लिए कई अस्पतालों में लेकर गए लेकिन नौजवान ने राजस्थान के श्री गंगानगर में एक प्राइवेट अस्पताल में दम तोड़ दिया। जिसके बाद नौजवान को घर वापिस लाया गया। जहां किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। पुलिस ने जब मृतक की पत्नी के बयान दर्ज किये तो उसकी पत्नी ने इसका कारण नशे का टीका बताया और पुलिस ने लाश को कब्ज़े में लेकर 174 की कार्रवाई अमल में ला कर इसे पोस्टमॉर्टम के लिए फाजिल्का के सिविल अस्पताल लाया। जहाँ मामले को देखते डाक्टरों ने इसकी गहराई के साथ जांच करवाने के लिए लाश का पोस्टमॉर्टम फरीदकोट के मेडिकल कालेज में करवाने के लिए मृतक के पारिवारिक सदस्यों को कहा लेकिन मृतक के पारिवारिक सदस्य लाश का पोस्टमॉर्टम फाजिल्का में करवाने के लिए अड़ गए।
पोस्टमॉर्टम करवाने आए पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि उनका लड़का बीमार हुआ था और गाँव के डॉक्टर ने उसे गलत टीका लगा दिया, जिसके बाद लड़के की मौत हो गई और डॉक्टर उसका पोस्टमॉर्टम नहीं कर रहे।
उधर मृतक का पोस्टमॉर्टम करने वाले डाक्टर का कहना है कि मामला काफ़ी पेंचीदा है इस लिए वह इसकी गहराई के साथ जांच कर रहे है और बाकायदा डाक्टरों का बोर्ड बनाकर मृतक व्यक्ति के शरीर में से नमूने लेकर लेबोटरी के लिए भेजे जा रहे है ।
वहीं जब इस सारे मामले नसबन्दी जांच अधिकारी करनैल सिंह से मामले की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने मीडिया के सामने अपने थाने की इज्जत को बचाते हुए मामले पर पर्दा डालते हुए कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया और उनके उच्चअधिकारियों के साथ बात करने की बात कही।
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