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अनिल देशमुख भ्रष्टाचार मामला - ईडी शनिवार को वाजे से करेगी पूछताछ
मुंबई । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दर्ज कथित भ्रष्टाचार के मामले में तलोजा जेल में बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से पूछताछ करेगा। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एक विशेष अदालत ने ईडी को वाजे का दौरा करने और जेल में अपना बयान दर्ज करने की अनुमति दी है।
19 मई को, वाजे ने ईडी से दावा किया था कि उन्होंने दिसंबर 2020-फरवरी 2021 के बीच मुंबई में बार से कथित तौर पर देशमुख के आदेश पर 4.70 करोड़ रुपये जमा किए थे।
वाजे ने कहा कि बाद में उन्होंने पूर्व मंत्री के पीए कुंदन शिंदे (जो अब इसी मामले में गिरफ्तार हैं) उनको एक अन्य पीए संजीव पलांडे के साथ राशि सौंप दी थी।
वहीं ईडी ने कहा कि शिंदे ने वाजे को जानने से इनकार किया है और जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। हालांकि वह और पलांडे दोनों सीधे अपराध में शामिल थे।
देशमुख, जिन्हें अपने खिलाफ आरोपों के कारण पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, वो हाल ही में पूछताछ के लिए ईडी के तीन समन पर पेश नहीं हुए और किसी भी कठोर कार्रवाई के खिलाफ सुरक्षा की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
वाजे को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास 20 जिलेटिन स्टिक और धमकी भरे नोट के साथ एक एसयूवी रखने और उसके बाद वाहन मालिक मनसुख हिरन की मौत के सनसनीखेज मामले में गिरफ्तार किया गया था।
बाद में, वाजे ने एक नोट लिखा जिसमें आरोप लगाया गया कि देशमुख ने उन्हें सेवा में बहाल करने के लिए 2 करोड़ रुपये की मांग की थी और मुंबई में होटल व्यवसायियों और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य रखा था।
उन्होंने शिवसेना के परिवहन मंत्री अनिल परब पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि बाद वाले ने उनके लिए ठेकेदारों से पैसे लेने को कहा था।
देशमुख और परब दोनों ने इन आरोपों का खंडन किया है और इसे महाविकास अघाड़ी सरकार की छवि को बदनाम करने और खराब करने की विपक्षी भारतीय जनता पार्टी की रणनीति करार दिया है।
--आईएएनएस
19 मई को, वाजे ने ईडी से दावा किया था कि उन्होंने दिसंबर 2020-फरवरी 2021 के बीच मुंबई में बार से कथित तौर पर देशमुख के आदेश पर 4.70 करोड़ रुपये जमा किए थे।
वाजे ने कहा कि बाद में उन्होंने पूर्व मंत्री के पीए कुंदन शिंदे (जो अब इसी मामले में गिरफ्तार हैं) उनको एक अन्य पीए संजीव पलांडे के साथ राशि सौंप दी थी।
वहीं ईडी ने कहा कि शिंदे ने वाजे को जानने से इनकार किया है और जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। हालांकि वह और पलांडे दोनों सीधे अपराध में शामिल थे।
देशमुख, जिन्हें अपने खिलाफ आरोपों के कारण पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, वो हाल ही में पूछताछ के लिए ईडी के तीन समन पर पेश नहीं हुए और किसी भी कठोर कार्रवाई के खिलाफ सुरक्षा की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
वाजे को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास 20 जिलेटिन स्टिक और धमकी भरे नोट के साथ एक एसयूवी रखने और उसके बाद वाहन मालिक मनसुख हिरन की मौत के सनसनीखेज मामले में गिरफ्तार किया गया था।
बाद में, वाजे ने एक नोट लिखा जिसमें आरोप लगाया गया कि देशमुख ने उन्हें सेवा में बहाल करने के लिए 2 करोड़ रुपये की मांग की थी और मुंबई में होटल व्यवसायियों और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य रखा था।
उन्होंने शिवसेना के परिवहन मंत्री अनिल परब पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि बाद वाले ने उनके लिए ठेकेदारों से पैसे लेने को कहा था।
देशमुख और परब दोनों ने इन आरोपों का खंडन किया है और इसे महाविकास अघाड़ी सरकार की छवि को बदनाम करने और खराब करने की विपक्षी भारतीय जनता पार्टी की रणनीति करार दिया है।
--आईएएनएस
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