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पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होंगे प्राचीन बावडिय़ां और तालाब
नागौर। जिले में प्राचीन तालाबों और बावडिय़ों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की है। इस मुहिम के तहत जिला मुख्यालय स्थित जड़ा बावड़ी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। कलक्टर राजन विशाल ने नगर परिषद आयुक्त श्रवण चौधरी के साथ जड़ा बावड़ी का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिए कि बावडिय़ों को उनके पुराने स्वरूप में लाने की दिशा में कार्य किया जाए। ताकि यहां आने वाले लोगों, विद्यार्थियों व पर्यटकों को जानकारी हो सके कि पुराने जमाने में बावड़ी की क्या उपयोगिता थी और पानी कैसे निकाला जाता था। कलक्टर ने बावड़ी के पास बिना अनुमति किए जा रहे निर्माण कार्य को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि एक तरफ बावड़ी का जीर्णोद्धार किया जा रहा है दूसरी तरफ बिना अनुमति निर्माण हो रहा है। जिसका सीधा असर प्राचीन बावड़ी की दीवारों पर पड़ेगा। कलक्टर ने कहा कि बावड़ी के आसपास खाली जगह का समुचित उपयोग किया जाए। इसके लिए बावड़ी का प्लान तैयार किया जाए। कलक्टर ने कहा कि खाली पड़ी जगह पर बैठने की व्यवस्था के लिए बेंचे लगवाई जाए व बावड़ी की सुरक्षा को लेकर इसके आसपास रैलिंग लगवाई जाए। जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि यहां दो बावड़ी की जानकारी दर्शाने वाले दो शिलालेख लगवाए जाए। इनमें से एक पर बावड़ी के तकनीकी पहलुओं जबकि दूसरे शिलालेख पर जड़ा बावड़ी के इतिहास की जानकारी हो। ताकि यहां आने वाले वालों को इसका इतिहास का पता लग सके। इतिहास के साथ-साथ शिलालेख पर बावड़ी की गहराई, पानी की आवक का तरीका और भराव क्षमता आदि का उल्लेख भी किया जाएगा। कलक्टर ने अमर सिंह छतरियों पर विदेशी सैलानियों के स्वागत में परम्परागत वाद्य बजाने वाले संखवास के लोक कलाकारों से चर्चा की व वाद्य सुना। निरीक्षण के दौरान सार्वजनिक निर्मााण विभाग के अधीक्षण अभियंता श्रवणलाल, नगर परिषद आयुक्त श्रवण कुमार, एक्सईएन एक्सईएन राजेश शर्मा, पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डॉ. तेजाराम व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
[@ जोधपुर की इस कलाकार की कला के मुरीद हुए सलमान खान]
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