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अलवर जिला बहुत क्रिटिकल, दो जिले बनेंगे - मुख्यमंत्री
थानागाजी (अलवर) । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अलवर जिला बहुत क्रिटिकल है, और अलवर को दो जिलो में बांटा जाएगा। यानी कि अलवर के दो जिले बनेंगे। गहलोत ने कहा कि यह मांग भी थी। यहां पर पुलिस अधीक्षक दो होंगे।
गहलोत ने कहा कि अलवर जिले में अकेले 17 हजार मुकदमे महिला उत्पीड़न के दर्ज हुए है। इसके चलते यहां का विश्लेषण करवा लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के विरूद्ध अपराधों के पर्यवेक्षण के लिए जिले में पदस्थापित नोडल अधिकारी उप अधीक्षक पुलिस (अजा-जजा) के समान ही महिला एवं बच्चों के विरूद्ध अपराधों के पर्यवेक्षण के लिए भी नोडल अधिकारी उप अधीक्षक पुलिस (महिला सुरक्षा) का पद सृजित करने के निर्देश दिए।
यह अधिकारी जिले में स्थित महिला थानों का भी पर्यवेक्षण करेगा, साथ ही सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग में स्थानीय स्तर पर समन्वय स्थापित कर महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचार के मामलों में पीड़ित पक्ष को सहायता, मार्गदर्शन एवं सम्बल प्रदान करने का कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि थानेदार द्वारा संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज नहीं करने की फरियाद पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचती है तो पुलिस अधीक्षक परिवाद पर जिला स्तर पर ही एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें एवं संबंधित थानेदार का उत्तरदायित्व निर्धारित करने की कार्यवाही भी करें।
गहलोत ने कहा कि अलवर जिले में अकेले 17 हजार मुकदमे महिला उत्पीड़न के दर्ज हुए है। इसके चलते यहां का विश्लेषण करवा लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के विरूद्ध अपराधों के पर्यवेक्षण के लिए जिले में पदस्थापित नोडल अधिकारी उप अधीक्षक पुलिस (अजा-जजा) के समान ही महिला एवं बच्चों के विरूद्ध अपराधों के पर्यवेक्षण के लिए भी नोडल अधिकारी उप अधीक्षक पुलिस (महिला सुरक्षा) का पद सृजित करने के निर्देश दिए।
यह अधिकारी जिले में स्थित महिला थानों का भी पर्यवेक्षण करेगा, साथ ही सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग में स्थानीय स्तर पर समन्वय स्थापित कर महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचार के मामलों में पीड़ित पक्ष को सहायता, मार्गदर्शन एवं सम्बल प्रदान करने का कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि थानेदार द्वारा संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज नहीं करने की फरियाद पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचती है तो पुलिस अधीक्षक परिवाद पर जिला स्तर पर ही एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें एवं संबंधित थानेदार का उत्तरदायित्व निर्धारित करने की कार्यवाही भी करें।
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