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अब हटाए जाएंगे अयोग्य सहायक शिक्षक, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिए निर्देश
इलाहाबाद। हाई कोर्ट ने अयोग्य सहायक शिक्षकों को हटाने को कहा है। इस संबंध में हाई कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को अयोग्य अध्यापकों के विरुद्ध कार्रवाई कर उन्हें हटाने के निर्देश दिए हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एनसीटीई (राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद) के 11 फरवरी 2011 को जारी सर्कुलर के नियम पांच (दो) के तहत निर्धारित योग्यता के बिना शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी पास सहायक अध्यापकों की जांच कर सेवा से हटाने के निर्देश दिए। आपको बता दें कि दो जजों की खंडपीठ ने एकलपीठ का वह फैसला संशोधित कर दिया है, जिसमें कहा था कि याचीगण प्रत्यावेदन दें और बीएसए कार्रवाई करें।
न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता व न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने यह आदेश प्रभात कुमार वर्मा सहित अन्य की अपीलों को निस्तारित करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि याचियों को यह पता लगाने के लिए नहीं कहा जा सकता कि विज्ञान या गणित का अध्यापक बनने की योग्यता कौन रखता था, कौन नहीं। यह कार्य बीएसए की ओर से जांच व सुनवाई करके ही किया जा सकता है। याचियों का कहना है कि कई ऐसे लोग टीईटी उत्तीर्ण होकर सहायक अध्यापक नियुक्त हो गए, जिन्होंने स्नातक में विज्ञान या गणित में से कोई एक विषय नहीं लिया था। एनसीटीई के 2011 के सर्कुलर के अनुसार विज्ञान या गणित में स्नातक उपाधि वाले ही सहायक अध्यापक बन सकते हैं।
न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता व न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने यह आदेश प्रभात कुमार वर्मा सहित अन्य की अपीलों को निस्तारित करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि याचियों को यह पता लगाने के लिए नहीं कहा जा सकता कि विज्ञान या गणित का अध्यापक बनने की योग्यता कौन रखता था, कौन नहीं। यह कार्य बीएसए की ओर से जांच व सुनवाई करके ही किया जा सकता है। याचियों का कहना है कि कई ऐसे लोग टीईटी उत्तीर्ण होकर सहायक अध्यापक नियुक्त हो गए, जिन्होंने स्नातक में विज्ञान या गणित में से कोई एक विषय नहीं लिया था। एनसीटीई के 2011 के सर्कुलर के अनुसार विज्ञान या गणित में स्नातक उपाधि वाले ही सहायक अध्यापक बन सकते हैं।
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