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बाल सुरक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए सभी विभाग मिलकर कार्य करें-.सिद्धू
इससे पहले वर्कशाप के शुरुआती भाषण में बोलते हुए सामाजिक सुरक्षा, महिला
एवं बाल विकास के डायरेक्टर कविता सिंह ने कहा कि बच्चों के विरुद्ध होते
अपराधों में कमी लाने के लिए संवेदनशील पहुँच अपनाने की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि बच्चे समाज का वह वर्ग होते हैं जो ग़ैर सामाजिक तत्वों
द्वारा आसानी से ही हिंसा का शिकार हो जाते हैं जिसके लिए ऐसी वर्कशाप समय
की बहुत बड़ी ज़रूरत थी जिसमें सभी विभाग मिलकर बाल अपराध दर घटाने के लिए
एक साझा एक्शन प्लान तैयार करें। कविता सिंह ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा,
महिला एवं बाल विकास मंत्री अरुणा चौधरी के दिशा निर्देशों के अंतर्गत
विभाग द्वारा बच्चों की बेहतरी के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं और आज की
वर्कशाप के लंबे समय में बढिय़ा निष्कर्ष निकलेंगे। डायरैक्टर ने अपने भाषण
के शुरुआत में अपने कार्यालय में रोज़मर्रा के कामकाज के दौरान बच्चों
संंबंधी आए कई मामले भी साझे किये।
‘बचपन बचाओ आंदोलन’ संस्था के डायरेक्टर डा. ओम प्रकाश ने बोलते हुए पंजाब सरकार के इस उद्यम की सराहना करते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री और कैलाश सत्यार्थी के बीच मीटिंग के सार्थक निष्कर्ष निकलने लगे हैं। उन्होंने पंजाब की देश के दूसरे राज्यों से तुलना करते हुए कहा कि यहाँ बच्चों की भलाई के लिए बढिय़ा कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में बाल कैदियों के लिए बाल संरक्षण केंद्र बढिय़ा चल रहे हैं।
इस मौके पर आई.जी. (अपराध) जसकिरन सिंह और स्वास्थ्य विभाग से डा.मुकेश भी उपस्थित थे। वर्कशाप की शुरुआत मुख्य मेहमान के.बी.एस. सिद्धू द्वारा शमा रौशन करके हुई। वर्कशाप के उद्घाटनी सैशन के बाद दो तकनीकी सैशन हुए जिसमें विभिन्न विभागों के सीनियर अधिकारियों ने माहिरों के तौर पर शिरकत करते हुए अपने विचार सांझे किये जिनमें पंजाब राज्य बाल अधिकार और सुरक्षा आयोग के चेयरमैन सुकेश कालिया, ‘बचपन बचाओ आंदोलन ’ के डायरेक्टर (प्रशिक्षण) ज्योति माथुर, डायरैक्टर जनरल स्कूल शिक्षा प्रशांत कुमार गोयल, ए.आई.जी. इन्दरबीर सिंह, स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरैक्टर डा.मुकेश शामिल थे। वर्कशाप में राज्य के समूह जि़ला प्रोग्राम अफ़सर, सिविल सर्जन, जि़ला शिक्षा अधिकारी, जि़ला बाल सुरक्षा अधिकारी, सहायक लेबर कमिश्नर, डी.एस.पीज़ (जांच) शामिल हुए। वर्कशाप की समाप्ति पर सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास की अतिरिक्त डायरैक्टर लिल्ली चौधरी द्वारा सभी का धन्यवाद किया गया।
‘बचपन बचाओ आंदोलन’ संस्था के डायरेक्टर डा. ओम प्रकाश ने बोलते हुए पंजाब सरकार के इस उद्यम की सराहना करते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री और कैलाश सत्यार्थी के बीच मीटिंग के सार्थक निष्कर्ष निकलने लगे हैं। उन्होंने पंजाब की देश के दूसरे राज्यों से तुलना करते हुए कहा कि यहाँ बच्चों की भलाई के लिए बढिय़ा कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में बाल कैदियों के लिए बाल संरक्षण केंद्र बढिय़ा चल रहे हैं।
इस मौके पर आई.जी. (अपराध) जसकिरन सिंह और स्वास्थ्य विभाग से डा.मुकेश भी उपस्थित थे। वर्कशाप की शुरुआत मुख्य मेहमान के.बी.एस. सिद्धू द्वारा शमा रौशन करके हुई। वर्कशाप के उद्घाटनी सैशन के बाद दो तकनीकी सैशन हुए जिसमें विभिन्न विभागों के सीनियर अधिकारियों ने माहिरों के तौर पर शिरकत करते हुए अपने विचार सांझे किये जिनमें पंजाब राज्य बाल अधिकार और सुरक्षा आयोग के चेयरमैन सुकेश कालिया, ‘बचपन बचाओ आंदोलन ’ के डायरेक्टर (प्रशिक्षण) ज्योति माथुर, डायरैक्टर जनरल स्कूल शिक्षा प्रशांत कुमार गोयल, ए.आई.जी. इन्दरबीर सिंह, स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरैक्टर डा.मुकेश शामिल थे। वर्कशाप में राज्य के समूह जि़ला प्रोग्राम अफ़सर, सिविल सर्जन, जि़ला शिक्षा अधिकारी, जि़ला बाल सुरक्षा अधिकारी, सहायक लेबर कमिश्नर, डी.एस.पीज़ (जांच) शामिल हुए। वर्कशाप की समाप्ति पर सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास की अतिरिक्त डायरैक्टर लिल्ली चौधरी द्वारा सभी का धन्यवाद किया गया।
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