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सभी जिलों में होंगे लाइवलीहुड बिजनस इंक्यूबेटर स्थापित
जयपुर। प्रदेश के प्रमुख शासन सचिव लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम आलोक ने राज्य के सभी जिलों में लाइवलीहुड बिजनस इंक्यूबेटर स्थापित करने की आवश्यकता प्रतिपादित की है। उन्होंने कहा कि तकनीकी संस्थानों के साथ ही उद्यम प्रोत्साहन संस्थान एलबीआई की स्थापना के प्रस्ताव तैयार करें ताकि केन्द्र सरकार के वित्तीय सहयोग से इनकी स्थापना कर युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण के साथ ही उपलब्ध संसाधनों से कारोबार की शुरुआत करने का अवसर उपलब्ध कराए जा सके।
प्रमुख सचिव एमएसएमई आलोक मंगलवार को उद्योग विभाग में आयुक्त डॉ. कृृष्णाकांत पाठक के साथ दो अलग अलग बैठकों में संबंधित अधिकारियों के साथ केन्द्र सरकार की एसपायर योजना की क्रियान्विति प्रगति और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से एनएसआईसी के ओखला सहित अन्य केन्द्रों का दौरा कर एलबीआई परियोजनाओं की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त करने और उसके आधार पर प्रदेश में इंक्यूवेसन सेंटर स्थापित करने के निर्देश दिए।
आलोक ने एलबीआई के पूर्व में चयनित सेंटरों की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने उदयपुर, झालावाड़ और अलवर कलक्टर के साथ ही श्रम सचिव आदि से मोबाइल पर चर्चा कर उनसे समन्वय का आग्रह किया और चयनित एलबीआई को शीघ्र शुरु करवाकर युवाओं को लाभान्वित करने को कहा।
उल्लेखनीय है कि युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें काम शुरु करने में सहायता के लिए एसपायर योजना में एलबीआई की स्थापना व मशीनरी के लिए केन्द्र सरकार द्वारा वित्तीय सहयोग दिया जाता है।
प्रमुख सचिव आलोक ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में सभी महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्रों को जिला स्तरीय डीएलटीएफसी की मिटिंग समय पर आयोजित कर प्राप्त आवेदनों को अग्रेसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीएमईजीपी में प्राप्त आनलाईन आवेदनों का निष्पादन साप्ताहिक किया जाए। उन्होंने बैंकों को भी निर्देश दिए कि रोजगारपरक कार्यों के लिए अग्रेसित ऋण आवेदनों को प्राथमिकता से ऋण वितरण करे।
बैठक में यह भी आया कि पीएमईजीपी में आवेदन अग्रेसित करने वाली कमेटी में बैंक के प्रतिनिधि होने के बाद भी ऋण वितरण के समय प्रस्ताव को आपत्ति दर्ज कर निरस्त कर दिया जाता है।
आयुक्त डॉ. कृृष्णा कांत पाठक ने बताया कि राज्य के 8 जिलों में एसपायर योजना में एलबीआई स्वीकृत होने के बावजूद इनकी क्रियान्विति प्रगति काफी धीमी चल रही है। उन्होंने कहा कि इंक्यूबेटर केन्द्रों, आवश्यक उपकरण व मशीन आदि स्थापित कर पर युवाओं को छोटे छोटे उद्योगों का प्रशिक्षण और वहीं से काम शुरु करने का अवसर मिलता है।
डॉ. पाठक ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में उत्पादन क्षेत्र में 25 लाख तक और सेवा क्षेत्र मे 10 लाख रु. तक का ऋण दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इसमें 35 प्रतिशत तक मार्जिन मनी दी जाती है। इस साल 101 करोड़ 93 लाख रु. की मार्जिन मनी उपलब्ध कराने का कार्यक्रम है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष 71 करोड़ 99 लाख की मार्जिन मनी उपलब्ध कराई गई थी।
बैठक में विज्ञान एवं तकनीकी निदेशक वी. सरवन कुमार ने भी सुझाव दिए।
संयुक्त निदेशक उद्योग पीएन शर्मा ने दोनोें योजनाओं के जानकारी दी। बैठक में खादी एवं ग्रामाद्योग के बीएल मीणा, राजस्थान खादी बोर्ड के हरिमोहन मीणा, बैंकों के प्रतिनिधिगण आदि उपस्थित थे।
प्रमुख सचिव एमएसएमई आलोक मंगलवार को उद्योग विभाग में आयुक्त डॉ. कृृष्णाकांत पाठक के साथ दो अलग अलग बैठकों में संबंधित अधिकारियों के साथ केन्द्र सरकार की एसपायर योजना की क्रियान्विति प्रगति और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से एनएसआईसी के ओखला सहित अन्य केन्द्रों का दौरा कर एलबीआई परियोजनाओं की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त करने और उसके आधार पर प्रदेश में इंक्यूवेसन सेंटर स्थापित करने के निर्देश दिए।
आलोक ने एलबीआई के पूर्व में चयनित सेंटरों की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने उदयपुर, झालावाड़ और अलवर कलक्टर के साथ ही श्रम सचिव आदि से मोबाइल पर चर्चा कर उनसे समन्वय का आग्रह किया और चयनित एलबीआई को शीघ्र शुरु करवाकर युवाओं को लाभान्वित करने को कहा।
उल्लेखनीय है कि युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें काम शुरु करने में सहायता के लिए एसपायर योजना में एलबीआई की स्थापना व मशीनरी के लिए केन्द्र सरकार द्वारा वित्तीय सहयोग दिया जाता है।
प्रमुख सचिव आलोक ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में सभी महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्रों को जिला स्तरीय डीएलटीएफसी की मिटिंग समय पर आयोजित कर प्राप्त आवेदनों को अग्रेसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीएमईजीपी में प्राप्त आनलाईन आवेदनों का निष्पादन साप्ताहिक किया जाए। उन्होंने बैंकों को भी निर्देश दिए कि रोजगारपरक कार्यों के लिए अग्रेसित ऋण आवेदनों को प्राथमिकता से ऋण वितरण करे।
बैठक में यह भी आया कि पीएमईजीपी में आवेदन अग्रेसित करने वाली कमेटी में बैंक के प्रतिनिधि होने के बाद भी ऋण वितरण के समय प्रस्ताव को आपत्ति दर्ज कर निरस्त कर दिया जाता है।
आयुक्त डॉ. कृृष्णा कांत पाठक ने बताया कि राज्य के 8 जिलों में एसपायर योजना में एलबीआई स्वीकृत होने के बावजूद इनकी क्रियान्विति प्रगति काफी धीमी चल रही है। उन्होंने कहा कि इंक्यूबेटर केन्द्रों, आवश्यक उपकरण व मशीन आदि स्थापित कर पर युवाओं को छोटे छोटे उद्योगों का प्रशिक्षण और वहीं से काम शुरु करने का अवसर मिलता है।
डॉ. पाठक ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में उत्पादन क्षेत्र में 25 लाख तक और सेवा क्षेत्र मे 10 लाख रु. तक का ऋण दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इसमें 35 प्रतिशत तक मार्जिन मनी दी जाती है। इस साल 101 करोड़ 93 लाख रु. की मार्जिन मनी उपलब्ध कराने का कार्यक्रम है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष 71 करोड़ 99 लाख की मार्जिन मनी उपलब्ध कराई गई थी।
बैठक में विज्ञान एवं तकनीकी निदेशक वी. सरवन कुमार ने भी सुझाव दिए।
संयुक्त निदेशक उद्योग पीएन शर्मा ने दोनोें योजनाओं के जानकारी दी। बैठक में खादी एवं ग्रामाद्योग के बीएल मीणा, राजस्थान खादी बोर्ड के हरिमोहन मीणा, बैंकों के प्रतिनिधिगण आदि उपस्थित थे।
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