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आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा से मिले अखिलेश

रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा से मुलाकात की। करीब एक घंटे तक उनके आवास पर रहे। इसके बाद मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए निकल गए। सांसद आजम खां की पत्नी करीब 10 महीने सीतापुर जेल में बंद रहीं। एक महीने पहले जेल से रिहा होने के बाद रामपुर लौटीं। लेकिन, समाजवादी पार्टी का कोई बड़ा नेता उनसे मिलने नहीं आया, जबकि कांग्रेस के नेता इमरान प्रतापगढ़ी और मध्यप्रदेश के विधायक आरिफ मसूद बुधवार को उनसे मिलने रामपुर आए थे। उनका हालचाल जाना था। वह सीतापुर जेल में गिरने से भी चोटिल हो गई थीं। अब उनका हालचाल जानने सपा मुखिया शुक्रवार को रामपुर पहुंचे।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिम और बेटे अब्दुल्ला आजम को राहत दी। सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की जमानत रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया। यूपी सरकार ने जन्म प्रमाण पत्र बनाने के एक कथित मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत को रद्द करने से इनकार कर दिया। इसी के साथ शीर्ष अदालत ने तीनों को जमानत दिए जाने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका खारिज कर दी।
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा, हमारे मुताबिक हाईकोर्ट के आदेश में कुछ गलत नहीं है, ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने का कोई कारण नहीं बनता। बीते साल 13 अक्टूबर को इस मामले में हाईकोर्ट ने तीनों को जमानत दी थी। आजम खान एवं उनकी पत्नी पर आरोप है कि उन्होंने बेटे अब्दुल्ला आजम खान का प्रमाणपत्र दो जगहों से बनवाया था और दोनों प्रमाणपत्रों में जन्मतिथि अलग-अलग है।
वहीं उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान और पत्नी डॉ. तंजेन फातिमा को एक भूमि विवाद मामले में उनकी कथित संलिप्तता में जमानत दी गई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया और तीनों को राहत दी।
--आईएएनएस
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिम और बेटे अब्दुल्ला आजम को राहत दी। सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की जमानत रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया। यूपी सरकार ने जन्म प्रमाण पत्र बनाने के एक कथित मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत को रद्द करने से इनकार कर दिया। इसी के साथ शीर्ष अदालत ने तीनों को जमानत दिए जाने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका खारिज कर दी।
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा, हमारे मुताबिक हाईकोर्ट के आदेश में कुछ गलत नहीं है, ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने का कोई कारण नहीं बनता। बीते साल 13 अक्टूबर को इस मामले में हाईकोर्ट ने तीनों को जमानत दी थी। आजम खान एवं उनकी पत्नी पर आरोप है कि उन्होंने बेटे अब्दुल्ला आजम खान का प्रमाणपत्र दो जगहों से बनवाया था और दोनों प्रमाणपत्रों में जन्मतिथि अलग-अलग है।
वहीं उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान और पत्नी डॉ. तंजेन फातिमा को एक भूमि विवाद मामले में उनकी कथित संलिप्तता में जमानत दी गई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया और तीनों को राहत दी।
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