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अकाली दल ने संगरूर उपचुनाव के लिए बेअंत सिंह के हत्यारे की बहन को बनाया उम्मीदवार
चंडीगढ़ । शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने
शनिवार को संगरूर संसदीय उपचुनाव के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की
हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की बहन कमलदीप कौर राजोआना को शिअद और
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया।
इस आशय का निर्णय शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बसपा नेतृत्व के
साथ-साथ संत समाज और बंदी सिख रिहाई समिति सहित पंथिक संगठनों के साथ इस
मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श के बाद लिया है।
शिअद प्रमुख ने 'पंथ' से कमलदीप राजोआना की उम्मीदवारी का तहे दिल से समर्थन करने की अपील की।
इस बात का खुलासा करते हुए पार्टी प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि कमलदीप राजोआना अकाली दल के चुनाव चिन्ह पर उपचुनाव लड़ेंगी। वह 6 जून को अपना नामांकन दाखिल करेंगी।
चीमा ने कहा कि पंथिक संगठनों की लंबे समय से मांग थी कि संगरूर उपचुनाव के लिए संयुक्त पंथिक उम्मीदवार 'बंदी सिंह' के परिवार से होना चाहिए।
"पंथ को लगता है कि यह उन सिख बंदियों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करेगा, जो अपनी सजा पूरी होने के बाद भी जेलों में बंद हैं। अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी इस संबंध में समुदाय को एक संदेश दिया था। कमलदीप कौर राजोआना को पार्टी के चुनाव चिन्ह पर संयुक्त पंथिक उम्मीदवार के रूप में उतारने का फैसला करने से पहले इन सभी कारकों को ध्यान में रखा है।"
चीमा ने कहा कि कमलदीप राजोआना भी पुलिस अत्याचार की शिकार हुई हैं।
उन्होंने कहा, "उनका भाई एक फर्जी मुठभेड़ में मारा गया और उनकी बहन की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। यहां तक कि उनके परिवार के घर को भी ध्वस्त कर दिया गया।"
बलवंत सिंह राजोआना, जिसे बेअंत सिंह की हत्या में उसकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया जा चुका है, पटियाला सेंट्रल जेल में बंद है।
--आईएएनएस
शिअद प्रमुख ने 'पंथ' से कमलदीप राजोआना की उम्मीदवारी का तहे दिल से समर्थन करने की अपील की।
इस बात का खुलासा करते हुए पार्टी प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि कमलदीप राजोआना अकाली दल के चुनाव चिन्ह पर उपचुनाव लड़ेंगी। वह 6 जून को अपना नामांकन दाखिल करेंगी।
चीमा ने कहा कि पंथिक संगठनों की लंबे समय से मांग थी कि संगरूर उपचुनाव के लिए संयुक्त पंथिक उम्मीदवार 'बंदी सिंह' के परिवार से होना चाहिए।
"पंथ को लगता है कि यह उन सिख बंदियों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करेगा, जो अपनी सजा पूरी होने के बाद भी जेलों में बंद हैं। अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी इस संबंध में समुदाय को एक संदेश दिया था। कमलदीप कौर राजोआना को पार्टी के चुनाव चिन्ह पर संयुक्त पंथिक उम्मीदवार के रूप में उतारने का फैसला करने से पहले इन सभी कारकों को ध्यान में रखा है।"
चीमा ने कहा कि कमलदीप राजोआना भी पुलिस अत्याचार की शिकार हुई हैं।
उन्होंने कहा, "उनका भाई एक फर्जी मुठभेड़ में मारा गया और उनकी बहन की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। यहां तक कि उनके परिवार के घर को भी ध्वस्त कर दिया गया।"
बलवंत सिंह राजोआना, जिसे बेअंत सिंह की हत्या में उसकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया जा चुका है, पटियाला सेंट्रल जेल में बंद है।
--आईएएनएस
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