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अजीत जोगी - शानदार नौकरशाह, उत्कृष्ट राजनीतिज्ञ
रायपुर| छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद कुमार जोगी के शुक्रवार को निधन के बाद राज्य को बड़ा झटका लगा है।
जोगी (74) ने लगभग 3.30 बजे एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। आदिवासी बहुल राज्य में जोगी एक बहुत बड़ा नाम था। उन्होंने एक गरीब आदिवासी से खनिज-समृद्ध राज्य के पहले मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया।
अप्रैल 2004 में लोकसभा चुनाव के दौरान एक भीषण सड़क दुर्घटना के बाद जोगी व्हीलचेयर पर आ गए थे। राजनीति में आने से पहले वह एक शानदार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी भी रहे। इसके बाद उन्होंने एक उत्कृष्ट राजनेता के तौर पर अपनी छाप छोड़ी। उनके दोस्तों और विरोधियों दोनों का ही यह कहना रहा है कि वह एक दुर्लभ इच्छा शक्ति वाले व्यक्तित्व थे।
जोगी का जन्म 29 अप्रैल, 1946 को जोगीसर (छत्तीसगढ़ में मरवाही विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत) गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था। उन्होंने तमाम संघर्षों का सामना करते हुए 1970 में आईएएस की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने मध्य प्रदेश में कलेक्टर के रूप में कार्य किया। वह गांधी परिवार की सलाह पर 1986 में राजनीति में आ गए।
वरिष्ठ राजनेता और विधायक धरमजीत सिंह ने कहा, वह एक कुशल राजनेता थे, उनका दैनिक कार्यक्रम कम से कम 16 घंटे तक का था। मैंने जोगी जैसे मेहनती व्यक्ति को कभी नहीं देखा। उनकी खूबियों में एक असाधारण इच्छा शक्ति का होना भी था।
छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ आदिवासी नेता कवासी लखमा ने कहा, "जोगी एक गरीब आदिवासी समुदाय के लिए एक चैंपियन थे, जो राज्य की आबादी का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा हैं। वह आदिवासी अधिकारों के एक सच्चे रक्षक थे। उन्होंने हमेशा आदिवासियों की दुर्दशा को सांसद होने के नाते लोकसभा, साथ ही साथ राज्य सभा और मध्य भारत की गलियों में भी ²ढ़ता से उजागर किया।"
जोगी ने अपनी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल से स्वर्ण पदक के साथ पूरी की। जोगी को भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुना गया था। उन्होंने 1974 से 1986 तक अविभाजित मध्य प्रदेश के सीधी, शहडोल, रायपुर और इंदौर जिलों में 12 से अधिक वर्षों के लिए सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले कलेक्टर जिला मजिस्ट्रेट रहने का रिकॉर्ड भी बनाया।
जोगी का कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार से गहरा जुड़ाव रहा, जिससे उन्हें अनुभवी राजनीतिज्ञ वी. सी. शुक्ला की जगह नवंबर 2000 में नवगठित राज्य छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य भी मिला। जोगी को आईएएस अधिकारी के साथ ही उनके राजनीतिक करियर में भी खूब इज्जत व शोहरत हासिल हुई। जोगी अपने पीछे परिवार में उनकी पत्नी रेणु जोगी और बेटे अमित जोगी को छोड़कर चले गए हैं।
--आईएएनएस
जोगी (74) ने लगभग 3.30 बजे एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। आदिवासी बहुल राज्य में जोगी एक बहुत बड़ा नाम था। उन्होंने एक गरीब आदिवासी से खनिज-समृद्ध राज्य के पहले मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया।
अप्रैल 2004 में लोकसभा चुनाव के दौरान एक भीषण सड़क दुर्घटना के बाद जोगी व्हीलचेयर पर आ गए थे। राजनीति में आने से पहले वह एक शानदार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी भी रहे। इसके बाद उन्होंने एक उत्कृष्ट राजनेता के तौर पर अपनी छाप छोड़ी। उनके दोस्तों और विरोधियों दोनों का ही यह कहना रहा है कि वह एक दुर्लभ इच्छा शक्ति वाले व्यक्तित्व थे।
जोगी का जन्म 29 अप्रैल, 1946 को जोगीसर (छत्तीसगढ़ में मरवाही विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत) गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था। उन्होंने तमाम संघर्षों का सामना करते हुए 1970 में आईएएस की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने मध्य प्रदेश में कलेक्टर के रूप में कार्य किया। वह गांधी परिवार की सलाह पर 1986 में राजनीति में आ गए।
वरिष्ठ राजनेता और विधायक धरमजीत सिंह ने कहा, वह एक कुशल राजनेता थे, उनका दैनिक कार्यक्रम कम से कम 16 घंटे तक का था। मैंने जोगी जैसे मेहनती व्यक्ति को कभी नहीं देखा। उनकी खूबियों में एक असाधारण इच्छा शक्ति का होना भी था।
छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ आदिवासी नेता कवासी लखमा ने कहा, "जोगी एक गरीब आदिवासी समुदाय के लिए एक चैंपियन थे, जो राज्य की आबादी का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा हैं। वह आदिवासी अधिकारों के एक सच्चे रक्षक थे। उन्होंने हमेशा आदिवासियों की दुर्दशा को सांसद होने के नाते लोकसभा, साथ ही साथ राज्य सभा और मध्य भारत की गलियों में भी ²ढ़ता से उजागर किया।"
जोगी ने अपनी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल से स्वर्ण पदक के साथ पूरी की। जोगी को भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुना गया था। उन्होंने 1974 से 1986 तक अविभाजित मध्य प्रदेश के सीधी, शहडोल, रायपुर और इंदौर जिलों में 12 से अधिक वर्षों के लिए सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले कलेक्टर जिला मजिस्ट्रेट रहने का रिकॉर्ड भी बनाया।
जोगी का कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार से गहरा जुड़ाव रहा, जिससे उन्हें अनुभवी राजनीतिज्ञ वी. सी. शुक्ला की जगह नवंबर 2000 में नवगठित राज्य छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य भी मिला। जोगी को आईएएस अधिकारी के साथ ही उनके राजनीतिक करियर में भी खूब इज्जत व शोहरत हासिल हुई। जोगी अपने पीछे परिवार में उनकी पत्नी रेणु जोगी और बेटे अमित जोगी को छोड़कर चले गए हैं।
--आईएएनएस
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