Advertisement
आगरा में इस मानसून लगाए जाएंगे एक करोड़ से अधिक पौधे
आगरा। उत्तर प्रदेश के वन विभाग ने घोषणा की है कि प्राकृतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में वायु प्रदूषण के बढ़ते आंकड़ों से निपटने के लिए आने वाले जुलाई-अगस्त के महीने में 1.02 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। टीटीजेड 10400 वर्ग किलोमीटर का एक क्षेत्र है जो उत्तर प्रदेश में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस व एटा और राजस्थान के भरतपुर में फैला हुआ है।
राज्य प्रशासन पर्यावरणीय असंतुलन को नियंत्रण में रखने के लिए निरंतर ध्यान केंद्रित किए हुए है और इस दिशा में काम करते हुए पिछले साल भी कई करोड़ पौधे लगाए गए थे, लेकिन इसके बावजूद भी स्थिति में ज्यादा परिवर्तन नहीं आ पाया है। वन संरक्षक जावेद अख्तर के अनुसार, रोपण स्थलों पर काम शुरू हो चुका है। आगरा में करीब 28,57,000 पौधे लगाए जाने का लक्ष्य है।
मैनपुरी, फिरोजाबाद और मथुरा में भी लाखों की संख्या में पौधों का रोपण किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ की सरकार का इस बार 22 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है जबकि पिछली बार यह 9 करोड़ था। हालांकि, आगरा में पर्यावरण कार्यकर्ताओं का सवाल यह है कि इतने सारे पौधों को लगाने के लिए जगह कहां से आएगी।
श्रवण कुमार सिंह ने कहा, पिछले साल हमने देखा था कि किस प्रकार जल्दबाजी में और अव्यवस्थित तरीके से पौधों का रोपण किया गया था, इसके साथ ही इनके रख-रखाव और देखभाल की जिम्मेदारी भी किसी को नहीं दी गई जिसके चलते कुछ ही पौधे बच पाए।
राज्य प्रशासन पर्यावरणीय असंतुलन को नियंत्रण में रखने के लिए निरंतर ध्यान केंद्रित किए हुए है और इस दिशा में काम करते हुए पिछले साल भी कई करोड़ पौधे लगाए गए थे, लेकिन इसके बावजूद भी स्थिति में ज्यादा परिवर्तन नहीं आ पाया है। वन संरक्षक जावेद अख्तर के अनुसार, रोपण स्थलों पर काम शुरू हो चुका है। आगरा में करीब 28,57,000 पौधे लगाए जाने का लक्ष्य है।
मैनपुरी, फिरोजाबाद और मथुरा में भी लाखों की संख्या में पौधों का रोपण किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ की सरकार का इस बार 22 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है जबकि पिछली बार यह 9 करोड़ था। हालांकि, आगरा में पर्यावरण कार्यकर्ताओं का सवाल यह है कि इतने सारे पौधों को लगाने के लिए जगह कहां से आएगी।
श्रवण कुमार सिंह ने कहा, पिछले साल हमने देखा था कि किस प्रकार जल्दबाजी में और अव्यवस्थित तरीके से पौधों का रोपण किया गया था, इसके साथ ही इनके रख-रखाव और देखभाल की जिम्मेदारी भी किसी को नहीं दी गई जिसके चलते कुछ ही पौधे बच पाए।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
आगरा
उत्तर प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement