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कर्नाटक चुनाव के बाद बढ़े पेट्रोल-डीजल के भाव, मोदी के लिए हो सकती है मुश्किल

khaskhabar.com : सोमवार, 21 मई 2018 11:45 PM (IST)
कर्नाटक चुनाव के बाद बढ़े पेट्रोल-डीजल के भाव, मोदी के लिए हो सकती है मुश्किल
नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव के बाद तेल की कीमतें बढ़ने से लोगों की जेब पर भार बढ़ गया है। इससे मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। इसके अलावा निवेश भी प्रभावित होता है। मौजूदा हालात में अब मोदी को पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना होगा। अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए तैयार हो रही सरकार के लिए यह हालात चिंताजनक हो सकते हैं।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के कारण मोदी सरकार और सरकारी तेल कंपनियों ने 19 दिन तक तेल की कीमतों को स्थिर रखा, लेकिन चुनाव होने के बाद ही कीमतें बढ़ा दी गईं। कीमतें बढ़ने का नरेंद्र मोदी के भविष्य पर असर हो सकता है। राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को पेट्रोल की कीमतें 76.24 रुपए प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं, जबकि डीजल ने उच्चतम स्तर 67.57 रुपए छुआ।

यह सीधे तौर पर सरकारी तेल कंपनियों द्वारा चार हफ्तों के बाद की गई बढ़ोतरी का ही असर है, जो लोगों को सीधे प्रभावित कर रहा है। अगर कर्नाटक चुनाव से पहले तेल की स्थिर कीमतों से राज्य में बीजेपी को मदद मिली तो चुनाव बाद कीमतें बढ़ने से निश्चित तौर पर विपक्ष के पास सरकार को घेरने का मौका मिल गया है। दरअसल, लोक सभा चुनाव में एक साल से भी कम समय बचा है। ऐसे में अगर तेल की कीमतें ऐसे ही बढ़ती रहीं तो बीजेपी को राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि इससे आयात बिल 50 अरब डॉलर बढ़ सकता है और इसका असर करंट अकाउंट डेफिसिट पर भी पड़ेगा। उधर, आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि तेल की कीमतें बढ़ने से आर्थिक तरक्की पर कोई असर नहीं पड़ेगा।


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