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ADR की रिपोर्ट : UP विधानसभा में BJP के 37 प्रतिशत विधायक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजनीतिक दलों से विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अपने उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास को प्रकाशित करने के लिए कहने के साथ ही एक बार फिर से राजनीति के अपराधीकरण पर ध्यान केंद्रित हो गया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) के अनुसार, भाजपा आपराधिक इतिहास वाले 37 प्रतिशत विधायकों के साथ इस सूची में सबसे ऊपर है।
2017 में 17वीं विधानसभा में चुने गए कुल 403 में से 143 विधायकों का आपराधिक इतिहास है। भाजपा ने 2017 में 312 सीटें जीती थीं, 114 ने घोषित किया था कि उन्हें आपराधिक मामलों का सामना करना पड़ा है और 83 के खिलाफ जघन्य अपराध के मामले दर्ज हो चुके थे। समाजवादी पार्टी पिछले विधानसभा चुनावों में केवल 47 सीटें जीतने में सफल रही थी और नवनिर्वाचित सपा विधायकों में से 14 ने अपने हलफनामों में आपराधिक मामला दर्ज होने की बात स्वीकार की थी।
बहुजन समाज पार्टी के विधानसभा में 19 विधायक हैं, जिनमें से पांच की आपराधिक पृष्ठभूमि है। सात विधायकों वाली कांग्रेस के केवल एक विधायक का आपराधिक इतिहास है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में तीन निर्दलीय विधायक हैं और तीनों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। मुख्तार अंसारी, कुलदीप सेंगर और बृजेश सिंह जैसे उत्तर प्रदेश के कुछ विधायक फिलहाल जेल में हैं।
2017 में 17वीं विधानसभा में चुने गए कुल 403 में से 143 विधायकों का आपराधिक इतिहास है। भाजपा ने 2017 में 312 सीटें जीती थीं, 114 ने घोषित किया था कि उन्हें आपराधिक मामलों का सामना करना पड़ा है और 83 के खिलाफ जघन्य अपराध के मामले दर्ज हो चुके थे। समाजवादी पार्टी पिछले विधानसभा चुनावों में केवल 47 सीटें जीतने में सफल रही थी और नवनिर्वाचित सपा विधायकों में से 14 ने अपने हलफनामों में आपराधिक मामला दर्ज होने की बात स्वीकार की थी।
बहुजन समाज पार्टी के विधानसभा में 19 विधायक हैं, जिनमें से पांच की आपराधिक पृष्ठभूमि है। सात विधायकों वाली कांग्रेस के केवल एक विधायक का आपराधिक इतिहास है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में तीन निर्दलीय विधायक हैं और तीनों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। मुख्तार अंसारी, कुलदीप सेंगर और बृजेश सिंह जैसे उत्तर प्रदेश के कुछ विधायक फिलहाल जेल में हैं।
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