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बुंदेलखंड: दलित की भूख से हो गई मौत, लेकिन प्रशासन ये नहीं मान रहा !

khaskhabar.com : मंगलवार, 22 अगस्त 2017 4:38 PM (IST)
बुंदेलखंड: दलित की भूख से हो गई मौत, लेकिन प्रशासन ये नहीं मान रहा !
आर जयन, महोबा। उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड़ में ऐला गांव के नत्थू रैदास की पिछले साल कथित तौर पर हुई भूख से मौत का मामला संसद में गूंजने के बाद महोबा जिले के घंडुआ गांव में एक दलित की भूख से हुई कथित मौत को प्रशासन ने अपनी आदतन नकार दिया है, हालांकि पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट में कई दिनों तक खाना न खाने की पुष्टि हुई है।


रविवार को महोबा जिले के खन्ना थाने के घंडुआ गांव में बीमारी के दौरान कई दिनों तक खाना न मिलने से दलित मजदूर छोट्टन (38) की मौत का मामला सुर्खियों में आया, उसे मधुमेह की बीमारी थी। लेकिन उसकी पत्नी उषा के यह कहने पर कि ‘मनरेगा मजदूरी न मिलने से इलाज न करा पाने और कई दिनों तक खाना तक खाना न खाने से उसके पति मौत हुई है, मामला बेहद गंभीर हो गया था।


अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) महोबा महेन्द्र सिंह ने मंगलवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से बताया कि ‘मृतक छोट्टन को मधुमेह की बीमारी थी और उसकी मौत से ही बीमारी से हुई है।’ उन्होंने स्वीकार किया कि ‘मृतक को कई दिनों से खाना नहीं मिला था, लेकिन यह भी संभव है कि वह बीमारी की वजह से खाना न खा सका हो।’ उन्होंने कहा कि ‘फिर भी मृतक के दाह संस्कार के लिए पांच हजार रुपये और परिवार के लिए पचास किलोग्राम अनाज का इंतजाम कर दिया गया है।’


उधर, मृतक की पत्नी उषा का आरोप है कि ‘पिछले एक हफ्ते से घर में एक भी अनाज नहीं था, उसका पति बीमार जरूर था, लेकिन मनरेगा की मजदूरी न मिलने की वजह से वह इलाज नहीं करा सकी और भूख व इलाज के अभाव में पति की मौत हुई है।’


उप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे नरैनी क्षेत्र क्षेत्र के पूर्व विधायक गयाचरण दिनकर ने कहा कि ‘योगी सरकार भूख से दलितों की मौत और आॅक्सीजन से कमी से बच्चों की मौत को तवज्जव देती, बल्कि सड़क दुर्घटना में एक अन्ना जानवर की मौत पर धरती पलटने की कुबत रखती है।’ नरैनी क्षेत्र के सत्तारूढ़ दल भाजपा के विधायक राजकरन कबीर का कहना है कि ‘वह नई कार खरीदने के लिए झांसी में है, इस घटना की कोई जानकारी नहीं है।’




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