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कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर का 9वां स्थापना दिवस समारोह ऑनलाइन आयोजित
जयपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने किसानों की बेहतरी के लिए कृषि पाठ्यक्रम, अनुसंधान और शोध कार्य हिन्दी में उपलब्ध कराने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि कृषि तकनीक और खेती-बाड़ी से जुड़ी सामग्री हिन्दी में तैयार की जाएगी, तभी इसका व्यापक प्रचार-प्रसार होगा और किसानों को इसका वास्तविक रूप में लाभ मिल सकेगा।
राज्यपाल मिश्र कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के 9वें स्थापना दिवस समारोह में मंगलवार को यहां राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने समारोह के दौरान विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों के मध्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा और मृदा एवं जल जांच चल प्रयोगशाला का लोकार्पण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के परीक्षा हॉल का शिलान्यास भी किया।
मिश्र ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों को कृषि पैदावार बढ़ाने के साथ किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए कार्य करना चाहिए। इसके लिए खेती और संबंधित प्रसंस्करण उद्योगों से किसानों को जोड़ते हुए समन्वित खेती को प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है। फसल उत्पादन, पशुपालन, फल एवं सब्जी उत्पादन, मछली पालन, वानिकी आदि के समन्वय से किसान उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करते हुए उत्पादन बढ़ाकर अधिकाधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने आदिवासी एवं अनुसूचित उप योजना क्षेत्र के युवाओं को आधुनिक कृषि, फसल भंडारण और खाद्य प्रसंस्करण का प्रशिक्षण दिए जाने की भी आवश्यकता जताई ताकि ये युवा खेती से जुड़े रोजगार प्रारम्भ कर आत्मनिर्भर बन सकें।
राज्यपाल मिश्र ने कृषि वैज्ञानिक और विद्यार्थियों को नियमित अंतराल पर खेतों और गांवों के दौरों पर भेजे जाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल किसान नए-नए अनुसंधान और प्रसार शिक्षा से लाभान्वित होंगे बल्कि कृषि विद्यार्थियों को भी पारम्परिक कृषि को जानने-समझने का अवसर मिलेगा।
कुलाधिपति ने कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर द्वारा नवीन क्षमतायुक्त चिया की उत्पादन तकनीक के विकास, कैमोमाइल चाय, चिकोरी कॉफी, रागी और कांगणी पर नए शोध करने की सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय में डेयरी प्रौद्योगिकी एवं कृषि अभियांत्रिकी में बी.टेक. पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए जाने पर भी खुशी व्यक्त की।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक व अशैक्षणिक कार्मिकों की कमी को देखते हुए भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ करने के लिए पदों के रोस्टर आरक्षण के विषय में विस्तृत दिशा निर्देश प्रदान किए गए हैं।भारत सरकार के कृषि आयुक्त डॉ. एस.के. मल्होत्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर अपनी स्थापना के बाद 9 वर्ष के कम समय मे ही कृषि शिक्षा, शोध एवं अनुसंधान का महत्वपूर्ण केन्द्र बनकर उभरा है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय की गत पांच वर्ष की उपलब्धियों पर आधारित पुस्तिका, औषधीय फसल फोल्डर, बी.टेक. डेयरी टेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रम तथा स्टूडेन्ट रेडी ऑपरेशन्स मैन्युअल का ई-लोकार्पण किया। उन्होंने उल्लेखनीय शोध कार्यों के लिए कृषि वैज्ञानिकों को पुरस्कार भी प्रदान किए।
राज्यपाल मिश्र कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के 9वें स्थापना दिवस समारोह में मंगलवार को यहां राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने समारोह के दौरान विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों के मध्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा और मृदा एवं जल जांच चल प्रयोगशाला का लोकार्पण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के परीक्षा हॉल का शिलान्यास भी किया।
मिश्र ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों को कृषि पैदावार बढ़ाने के साथ किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए कार्य करना चाहिए। इसके लिए खेती और संबंधित प्रसंस्करण उद्योगों से किसानों को जोड़ते हुए समन्वित खेती को प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है। फसल उत्पादन, पशुपालन, फल एवं सब्जी उत्पादन, मछली पालन, वानिकी आदि के समन्वय से किसान उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करते हुए उत्पादन बढ़ाकर अधिकाधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने आदिवासी एवं अनुसूचित उप योजना क्षेत्र के युवाओं को आधुनिक कृषि, फसल भंडारण और खाद्य प्रसंस्करण का प्रशिक्षण दिए जाने की भी आवश्यकता जताई ताकि ये युवा खेती से जुड़े रोजगार प्रारम्भ कर आत्मनिर्भर बन सकें।
राज्यपाल मिश्र ने कृषि वैज्ञानिक और विद्यार्थियों को नियमित अंतराल पर खेतों और गांवों के दौरों पर भेजे जाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल किसान नए-नए अनुसंधान और प्रसार शिक्षा से लाभान्वित होंगे बल्कि कृषि विद्यार्थियों को भी पारम्परिक कृषि को जानने-समझने का अवसर मिलेगा।
कुलाधिपति ने कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर द्वारा नवीन क्षमतायुक्त चिया की उत्पादन तकनीक के विकास, कैमोमाइल चाय, चिकोरी कॉफी, रागी और कांगणी पर नए शोध करने की सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय में डेयरी प्रौद्योगिकी एवं कृषि अभियांत्रिकी में बी.टेक. पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए जाने पर भी खुशी व्यक्त की।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक व अशैक्षणिक कार्मिकों की कमी को देखते हुए भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ करने के लिए पदों के रोस्टर आरक्षण के विषय में विस्तृत दिशा निर्देश प्रदान किए गए हैं।भारत सरकार के कृषि आयुक्त डॉ. एस.के. मल्होत्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर अपनी स्थापना के बाद 9 वर्ष के कम समय मे ही कृषि शिक्षा, शोध एवं अनुसंधान का महत्वपूर्ण केन्द्र बनकर उभरा है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय की गत पांच वर्ष की उपलब्धियों पर आधारित पुस्तिका, औषधीय फसल फोल्डर, बी.टेक. डेयरी टेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रम तथा स्टूडेन्ट रेडी ऑपरेशन्स मैन्युअल का ई-लोकार्पण किया। उन्होंने उल्लेखनीय शोध कार्यों के लिए कृषि वैज्ञानिकों को पुरस्कार भी प्रदान किए।
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