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वसीका नवीसों की हड़ताल से खजाने को 80 लाख का नुकसान
पठानकोट।
अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे तहसील कम्प्लेक्स में कार्यरत वसीका
नवीस , अष्टम फरोश , टाइपिस्ट , कम्प्यूटर टाइपिस्टों की हड़ताल आज दूसरे
दिन भी जारी रही। यूनियन के प्रधान वसीका नवीस योगेश कुमार के नेतृत्व
में यूनियन सदस्यों ने जिला प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की ।
उन्होंने अफसरशाही पर आरोप लगाया की सरकार ने एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के लिए मलिकपुर में बनाये गये मिनी सचिवालय में जिला के सभी दफ्तरों को शिफ्ट किया है। जिसके तहत तहसील दफ्तर को भी मिनी सचिवालय में शिफ्ट किया गया था। इतना लम्बा समय के बाद भी उनको कोई स्थान उपलब्ध नहीं करवाया गया है । जिससे लोगों के साथ साथ वह भी परेशान हैं । तहसील परिसर में काम करवाने आने वाले लोगों को पहले मलिकपुर में नए परिसर जाना पड़ता फिर पुराने परिसर में आकर अपने दस्तावेज तयार करवाने पड़ते है फिर नए परिसर में जाकर अफसरों के दस्तखत करवाने पड़ते है जो की जनता को परेशानी देने वाला तरीका बन गया है ।
उन्होंने कहा कि यदि जल्दी ही हमारी जायज मांगो को पूरा नहीं किया गया तो उन्हें संघर्ष का रास्ता चुनना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी । प्रशासनिक अफसरों की लापरवाही दो दिनों में तकरीबन अस्सी लाख का राजस्व का नुकसान हो चूका है लेकिन अधकारिओं के कान पर जूं तक नहीं सरकी है । इस अवसर पर यूनियन सचिव विद्या सागर शर्मा , नंबरदार यूनियन प्रधान चरण दास , अर्जुन भनोट , राज कुमार बजाज रेनू करलुपिया संजीव कुमार एडवोकेट विकास कुमार किरपाल सिंह , प्रीतम सिंह सहित अन्य भी उपस्थित थे
उन्होंने अफसरशाही पर आरोप लगाया की सरकार ने एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के लिए मलिकपुर में बनाये गये मिनी सचिवालय में जिला के सभी दफ्तरों को शिफ्ट किया है। जिसके तहत तहसील दफ्तर को भी मिनी सचिवालय में शिफ्ट किया गया था। इतना लम्बा समय के बाद भी उनको कोई स्थान उपलब्ध नहीं करवाया गया है । जिससे लोगों के साथ साथ वह भी परेशान हैं । तहसील परिसर में काम करवाने आने वाले लोगों को पहले मलिकपुर में नए परिसर जाना पड़ता फिर पुराने परिसर में आकर अपने दस्तावेज तयार करवाने पड़ते है फिर नए परिसर में जाकर अफसरों के दस्तखत करवाने पड़ते है जो की जनता को परेशानी देने वाला तरीका बन गया है ।
उन्होंने कहा कि यदि जल्दी ही हमारी जायज मांगो को पूरा नहीं किया गया तो उन्हें संघर्ष का रास्ता चुनना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी । प्रशासनिक अफसरों की लापरवाही दो दिनों में तकरीबन अस्सी लाख का राजस्व का नुकसान हो चूका है लेकिन अधकारिओं के कान पर जूं तक नहीं सरकी है । इस अवसर पर यूनियन सचिव विद्या सागर शर्मा , नंबरदार यूनियन प्रधान चरण दास , अर्जुन भनोट , राज कुमार बजाज रेनू करलुपिया संजीव कुमार एडवोकेट विकास कुमार किरपाल सिंह , प्रीतम सिंह सहित अन्य भी उपस्थित थे
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