6 new faces in the cabinet of new captain of Punjab-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Apr 19, 2024 6:24 pm
Location
Advertisement

पंजाब के नए 'कप्तान' के कैबिनेट में 6 नए चेहरे

khaskhabar.com : रविवार, 26 सितम्बर 2021 7:51 PM (IST)
पंजाब के नए 'कप्तान' के कैबिनेट में 6 नए चेहरे
चंडीगढ़। पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने फरवरी-मार्च 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले रविवार को अपने मंत्रिपरिषद का विस्तार करते हुए छह मंत्रियों सहित 15 मंत्रियों को शामिल किया। पिछली अमरिंदर सिंह सरकार के कई मंत्रियों को बरकरार रखा गया है, जिसमें दोनों महिला मंत्री अरुणा चौधरी और रजिया सुल्ताना शामिल हैं। रजिया को बतौर प्रमुख मुस्लिम चेहरा मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
राजभवन के प्रांगण में आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने नए मंत्रियों को पद की शपथ दिलाई।
दो बार के विधायक परगट सिंह (जालंधर छावनी), अमरिंदर सिंह राजा वारिंग (43) (गिद्दरबाहा) और गुरप्रीत कोटली (48) (खन्ना), चार बार के विधायक काका रणदीप सिंह नाभा (54) (अमलोह) और तीन बार के विधायक राज कुमार वेरका (58) (अमृतसर-पश्चिम) और संगत सिंह गिलजियान (68) (उरमार) मंत्रिमंडल में नए चेहरे हैं।
वेरका वाल्मीकि समुदाय के नेता हैं, जबकि गिलजियान अन्य पिछड़े वर्गो का प्रतिनिधित्व करते हैं। अन्य जाट सिख हैं।
दो बार के विधायक कुलजीत नागरा (फतेहगढ़ साहिब) कैबिनेट बर्थ के लिए सबसे आगे थे, लेकिन राहुल गांधी से नजदीकी के बावजूद आखिरी वक्त में सूची से उनका नाम हटा दिया गया।
हालांकि, नागरा और गिलजियान को हाल ही में राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
अकाली दल के बागी परगट सिंह हॉकी ओलंपियन से नौकरशाह और फिर राजनेता बने हैं। उन्हें राज्य महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।
कोटली और वारिंग ने छात्र संघ के नेताओं के रूप में काम करके अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
कोटली के दादा दिवंगत बेअंत सिंह 1992 से 1995 तक मुख्यमंत्री थे। उनके पिता तेज प्रकाश सिंह ने राज्य परिवहन मंत्री के रूप में कार्य किया है।
राहुल गांधी द्वारा चुने गए युवा नेता वारिंग ने 2012 में गिद्दड़बाहा से पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब के तत्कालीन प्रमुख मनप्रीत सिंह बादल को हराकर विधानसभा में पदार्पण किया। वह 2014 में भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे।
पिछली अमरिंदर सिंह कैबिनेट के जिन पांच मंत्रियों को हटा दिया गया है, वे हैं बलबीर सिद्धू, गुरप्रीत कांगड़, राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, साधु सिंह धर्मसोत और सुंदर शाम अरोड़ा।
हालांकि, ब्रह्म मोहिंद्रा (छह बार विधायक), मनप्रीत बादल (पांच बार विधायक), तृप्त राजिंदर बाजवा (चार बार विधायक), साथ ही चौधरी, रजिया सुल्ताना, और सुखबिंदर सिंह सरकारिया (तीन बार के विधायक), भारत भूषण आशु (दो बार विधायक) और विजय इंदर सिंगला (पहली बार विधायक) को बरकरार रखा गया है।
मोहिंद्रा, सिंगला और आशु प्रमुख हिंदू चेहर हैं, जो अमरिंदर सिंह से निकटता के लिए जाने जाते हैं।
शिरोमणि अकाली दल के बागी मनप्रीत बादल, जो पिछली अमरिंदर सिंह सरकार और प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली पिछली शिअद सरकार में वित्त मंत्री थे, उन्होंने राहुल गांधी के साथ निकटता के कारण चन्नी को सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनका वही पोर्टफोलियो बनाए रखे जाने की संभावना है।
पूर्व सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने कम से कम छह विधायकों की आपत्तियों के बावजूद चार साल बाद आश्चर्यजनक वापसी की। नागरा की कीमत पर उन्हें बाद में शामिल किया गया।
अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल में रहे एक मंत्री ने रेत खदानों के आवंटन के संबंध में एक कथित घोटाले के बाद पद छोड़ दिया था।
58 वर्षीय चन्नी ने 20 सितंबर को अपने दो डिप्टी सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी के साथ मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, दोनों पिछली मंत्रिपरिषद में मंत्री थे।
अमरिंदर सिंह ने 18 सितंबर को राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के साथ राजनीतिक खींचतान के बाद 18 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा है कि 'अपमानित' महसूस करने के कारण पद छोड़ दिया।
यह संकेत देते हुए कि वह अभी भी अपने राजनीतिक विकल्प खुले रख रहे हैं, उन्होंने कहा कि वह अपने भविष्य के कार्यो पर निर्णय लेने से पहले अपने दोस्तों से बात कर रहे हैं।
--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar Punjab Facebook Page:
Advertisement
Advertisement