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हरियाणा के गांवों को मुख्यमंत्री की सौगात, इस योजना के तहत किया जायेगा शामिल
चण्डीगढ़। हरियाणा सरकार ने राज्य के उन गांवों जिनकी आबादी 10,000 से भी कम है तथा जो पानी की आपूर्ति बढ़ाने व सीवरेज जैसी सुविधाओं के इच्छुक हैं, उन्हें भी महाग्राम योजना के तहत शामिल करने का निर्णय लिया है। इन गांवों को महाग्राम-बी श्रेणी के अंतर्गत शामिल किया जाएगा। इस आशय का एक निर्णय आज यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई जलापूर्ति और सीवरेज बोर्ड की 52वीं बैठक में लिया गया। बैठक में हरियाणा के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी राज्य मंत्री डॉ० बनवारी लाल भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में महाग्राम योजना के तहत 10,000 से अधिक आबादी वाले 126 गांवों को कवर किया जा रहा है। इस योजना के तहत पानी की आपूर्ति बढ़ाने, सीवरेज और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों ने इस योजना के तहत अपने गांवों में ऐसे विकास कार्यों को करने का अनुरोध किया है, जिसके लिए उन्होंने धन मुहैया कराने की भी पेशकश की है।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सीवरमैन को प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा उन्हें आवश्यक उपकरण, वर्दी और किट भी प्रदान की जाए ताकि उन्हें सीवर की सफाई करते समय घुटन से बचाया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि केवल प्रशिक्षित सीवरमैन को ही मैनहोल में प्रवेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए। बैठक में यह बताया गया कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के 14 सर्किलों को कवर करते हुए 703 सीवरमैन का प्रशिक्षण विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया है। यह भी बताया गया कि मैनहोल की सफाई के लिए विभाग द्वारा तीन रोबोटिक मशीनें भी खरीदी जा रही हैं। इन मशीनों के सफल प्रयोग के पश्चात ऐसी और मशीनें खरीदी जाएंगी।
बैठक में, बोर्ड ने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुविधाओं, सीवरेज प्रणाली और शहरी क्षेत्रों में स्टोर्म वाटर निकासी सुविधाओं में सुधार के लिए 145058.92 लाख रुपये की राशि को मंजूरी दी। इसके अलावा, 4027 चल रही योजनाओं और 694 नई योजनाओं के लिए भी राशि आवंटित की गई। बैठक में यह भी बताया गया कि शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति में सुधार और सीवरेज / स्टोर्म वाटर प्रणाली प्रदान करने के लिए 40438.25 लाख रुपये की राशि निर्धारित की गई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 102220.00 लाख रुपये की राशि पेयजल आपूर्ति में सुधार और सीवरेज प्रणाली प्रदान करने के लिए निर्धारित की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में महाग्राम योजना के तहत 10,000 से अधिक आबादी वाले 126 गांवों को कवर किया जा रहा है। इस योजना के तहत पानी की आपूर्ति बढ़ाने, सीवरेज और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों ने इस योजना के तहत अपने गांवों में ऐसे विकास कार्यों को करने का अनुरोध किया है, जिसके लिए उन्होंने धन मुहैया कराने की भी पेशकश की है।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सीवरमैन को प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा उन्हें आवश्यक उपकरण, वर्दी और किट भी प्रदान की जाए ताकि उन्हें सीवर की सफाई करते समय घुटन से बचाया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि केवल प्रशिक्षित सीवरमैन को ही मैनहोल में प्रवेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए। बैठक में यह बताया गया कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के 14 सर्किलों को कवर करते हुए 703 सीवरमैन का प्रशिक्षण विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया है। यह भी बताया गया कि मैनहोल की सफाई के लिए विभाग द्वारा तीन रोबोटिक मशीनें भी खरीदी जा रही हैं। इन मशीनों के सफल प्रयोग के पश्चात ऐसी और मशीनें खरीदी जाएंगी।
बैठक में, बोर्ड ने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुविधाओं, सीवरेज प्रणाली और शहरी क्षेत्रों में स्टोर्म वाटर निकासी सुविधाओं में सुधार के लिए 145058.92 लाख रुपये की राशि को मंजूरी दी। इसके अलावा, 4027 चल रही योजनाओं और 694 नई योजनाओं के लिए भी राशि आवंटित की गई। बैठक में यह भी बताया गया कि शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति में सुधार और सीवरेज / स्टोर्म वाटर प्रणाली प्रदान करने के लिए 40438.25 लाख रुपये की राशि निर्धारित की गई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 102220.00 लाख रुपये की राशि पेयजल आपूर्ति में सुधार और सीवरेज प्रणाली प्रदान करने के लिए निर्धारित की गई है।
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