Advertisement
कश्मीर में 40 एसपीओ ने इस्तीफे दिए, डीजीपी ने किया इंकार
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में अब तक 40 एसपीओ के इस्तीफे देने के खबर मिल रही है। शुक्रवार को आतंकवादियों की कायराना हरकत को अंजाम दिया है। तीन पुलिसकर्मी को अपहरण करके मार दिया गया। आतंकवादी धमकी देकर पुलिसकर्मियों को मार रहे हैं। इससे इतना खौफ पैदा हो गया है कि एक पुलिस कांस्टेबल की इस्तीफे देने की सूचना के बाद लगभग 40 एसपीओ ने इस्तीफे देने की घोषणा कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह आतंकियों ने 3 पुलिसकर्मियों को मार दिया गया। इसकी कुछ देर बाद ही एक अन्य पुलिसकर्मी ने अपनी नौकरी से ही इस्तीफा देने की घोषणा कर दी।
जम्मू और कश्मीर डीजीपी दिलबाग सिंह कहते हैं कि पुलिस जनता के लिए काम करती है, किसी को चोट पहुंचाने के लिए नहीं। अफवाहें उनके बारे में नहीं फैली जानी चाहिए। अगर ऐसी कोई घटना होती है, तो हम इसमें देखेंगे। हमारे एसपीओ अपना कर्तव्य बहुत अच्छा कर रहे हैं। हमारी सुरक्षा बलों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं ।
जम्मू-कश्मीर में करीब 30 हजार एसपीओ (ज्यादातर घाटी में) तैनात हैं। एसपीओ को सेवा के पहले वर्ष में 5,000 रुपए मिलने लगते हैं। दूसरे वर्ष 5,500 रुपये और तीसरे साल से 6,000 रुपये मिलने लगते हैं।
उनको शॉर्ट-टर्म ट्रेनिंग कोर्स भी कराए जाते हैं। खास बात यह है कि इनमें से केवल 1प्रतिशत से 2प्रतिशत ही आतंकवाद विरोधी ग्रिड में शामिल होते हैं। बाकी ट्रैफिक, पर्यटन और दूसरे सरकारी विभागों के लिए काम में चले जाते हैं। सीआई ग्रिड में शामिल एसपीओ को ही एके-47 राइफल मिलती है, अन्य को कोई हथियार मुहैया नहीं कराए जाते हैं। एसपीओ को कोई बीमा सुरक्षा भी प्रदान नहीं की गई है। अब ड्यूटी के दौरान उनकी हत्या पर 11 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा।
गृहमंत्रालय ने ट्वीट करके बताया कि किसी भी एसपीओ ने इस्तीफा नहीं दिया है, जो भी खबरें मीडिया में आ रही हैं वह गलत बताया। गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्य में 30,000 एसपीओ हैं, जिनकी ड्यूटी लगातार समीक्षा होती रहती है। मंत्रालय ने कहा कि इसी साल में शोपियां में ही 28 आतंकियों को मार गिराया गया है, यही कारण है कि शोपियां में आतंकी बौखलाए गए हैं। पुलिस कांस्टेबल मोहम्मद इरशाद बाबा जो शोपियां में कार्यरत थे। उन्होंने अपने इस्तीफे का ऐलान के बाद अब तक 40 एसपीओ ने इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों ने बताया कि हिजबुल आतंकी रियाज नाइकू ने पांच दिन पहले ही एक ऑडियो जारी कर स्थानीय पुलिसवालों को धमकाया था हिंदुस्तान की सरकार एक साजिश के तहत लोगों को एसपीओ बनाया जा रहा है। नाइकू ने सारे एसपीओ से कहा कि वे उग्रवादियों की सूचना पुलिस को नहीं दें और तुरंत पुलिस की नौकरी छोड़ दें। नहीं तो नतीजे बुरे भुगतने पड़ेंगे।
जम्मू और कश्मीर डीजीपी दिलबाग सिंह कहते हैं कि पुलिस जनता के लिए काम करती है, किसी को चोट पहुंचाने के लिए नहीं। अफवाहें उनके बारे में नहीं फैली जानी चाहिए। अगर ऐसी कोई घटना होती है, तो हम इसमें देखेंगे। हमारे एसपीओ अपना कर्तव्य बहुत अच्छा कर रहे हैं। हमारी सुरक्षा बलों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं ।
जम्मू-कश्मीर में करीब 30 हजार एसपीओ (ज्यादातर घाटी में) तैनात हैं। एसपीओ को सेवा के पहले वर्ष में 5,000 रुपए मिलने लगते हैं। दूसरे वर्ष 5,500 रुपये और तीसरे साल से 6,000 रुपये मिलने लगते हैं।
उनको शॉर्ट-टर्म ट्रेनिंग कोर्स भी कराए जाते हैं। खास बात यह है कि इनमें से केवल 1प्रतिशत से 2प्रतिशत ही आतंकवाद विरोधी ग्रिड में शामिल होते हैं। बाकी ट्रैफिक, पर्यटन और दूसरे सरकारी विभागों के लिए काम में चले जाते हैं। सीआई ग्रिड में शामिल एसपीओ को ही एके-47 राइफल मिलती है, अन्य को कोई हथियार मुहैया नहीं कराए जाते हैं। एसपीओ को कोई बीमा सुरक्षा भी प्रदान नहीं की गई है। अब ड्यूटी के दौरान उनकी हत्या पर 11 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा।
गृहमंत्रालय ने ट्वीट करके बताया कि किसी भी एसपीओ ने इस्तीफा नहीं दिया है, जो भी खबरें मीडिया में आ रही हैं वह गलत बताया। गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्य में 30,000 एसपीओ हैं, जिनकी ड्यूटी लगातार समीक्षा होती रहती है। मंत्रालय ने कहा कि इसी साल में शोपियां में ही 28 आतंकियों को मार गिराया गया है, यही कारण है कि शोपियां में आतंकी बौखलाए गए हैं। पुलिस कांस्टेबल मोहम्मद इरशाद बाबा जो शोपियां में कार्यरत थे। उन्होंने अपने इस्तीफे का ऐलान के बाद अब तक 40 एसपीओ ने इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों ने बताया कि हिजबुल आतंकी रियाज नाइकू ने पांच दिन पहले ही एक ऑडियो जारी कर स्थानीय पुलिसवालों को धमकाया था हिंदुस्तान की सरकार एक साजिश के तहत लोगों को एसपीओ बनाया जा रहा है। नाइकू ने सारे एसपीओ से कहा कि वे उग्रवादियों की सूचना पुलिस को नहीं दें और तुरंत पुलिस की नौकरी छोड़ दें। नहीं तो नतीजे बुरे भुगतने पड़ेंगे।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
प्रमुख खबरें
Advertisement