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झारखंड में 12 दिनों के दौरान कोरोना से 40 मौतें, संक्रमितों की संख्या 30 हजार के पार

रांची। झारखंड में कोरोना ने पिछले 24 घंटों के अंदर में आठ लोगों की जान ले ली। बुधवार को राज्य में कुल 4753 नये कोरोना मरीज पाये गये। इसके साथ ही कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 30986 हो गयी है। राहत की बात यह है कि संक्रमितों के हॉस्पिटल में दाखिल होने की दर कोरोना की दूसरी लहर की तुलना में बेहद कम है। पिछले बारह दिनों में राज्य में 40 लोगों की कोरोना से मौत हो गयी है। राज्य में कोरोना की पहली लहर से लेकर अब तक मौत का आंकड़ा 5184 पहुंच गया है। संक्रमण की रफ्तार भी राष्ट्रीय औसत से लगभग तीन गुना ज्यादा है। राष्ट्रीय स्तर पर 7 दिन में ग्रोथ रेट 0.34 प्रतिशत है, जबकि झारखंड में यह आंकड़ा 0.99 फीसदी है। सबसे गंभीर बात यह कि राज्य में कोरोना रिप्रोडक्टिव फैक्टर यानी एक व्यक्ति के जरिए संक्रमित होने की दर पूरे देश में सबसे ज्यादा हो गयी है। यहां एक मरीज से औसतन पांच लोग संक्रमित हो रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 2.69 है। राज्य के पांच जिलों में संक्रमण की दर 10 से 16 प्रतिशत से बीच है। लातेहार जिले में संक्रमण दर राज्य में सबसे ज्यादा 16.02 प्रतिशत है। इसी तरह रांची में यह दर 14.84 प्रतिशत, रामगढ़ में 12 प्रतिशत, कोडरमा में 10.83 प्रतिशत और देवघर में 10.50 प्रतिशत है। राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में 24 घंटों के अंदर तीन मरीजों की जान गयी है। मृतकों में एक 20 वर्ष का युवक भी है।
संक्रमण की उच्च दर को देखते हुए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने नयी सिरे से गाइडलाइन जारी की है। होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए अब घर में ही रहना अनिवार्य कर दिया है। विभाग ने पॉजिटिव आने वाले लोगों के घरों के बाहर बैरीकेडिंग शुरू करायी है। सभी जिलों में अब माइक्रो कंटेनमेंट जोन भी बनाए जा रहे हैं। अगर एक इलाके में संक्रमितों के मिलने का सिलसिला कम नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में कंटेनमेंट जोन बनाते हुए सख्ती बरतने को कहा गया है।
--आईएएनएस
संक्रमण की उच्च दर को देखते हुए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने नयी सिरे से गाइडलाइन जारी की है। होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए अब घर में ही रहना अनिवार्य कर दिया है। विभाग ने पॉजिटिव आने वाले लोगों के घरों के बाहर बैरीकेडिंग शुरू करायी है। सभी जिलों में अब माइक्रो कंटेनमेंट जोन भी बनाए जा रहे हैं। अगर एक इलाके में संक्रमितों के मिलने का सिलसिला कम नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में कंटेनमेंट जोन बनाते हुए सख्ती बरतने को कहा गया है।
--आईएएनएस
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