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चुनावों में हार के बाद TDP को एक और झटका, 4 सांसद BJP में शामिल
नई दिल्ली। तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) को लोकसभा और विधासभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। अब आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी को एक और झटका लगा है। राज्यसभा में टीडीपी के छह में से चार सांसदों ने आज गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हाथ थाम लिया।
सांसद सीएम रमेश, वाईएस चौधरी, टीजी वेंकटेश और जी मोहन राव ने राज्यसभा के चेयरमैन और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। वेंकैया नायडू को संबोधित अपने पत्र में इन सांसदों ने कहा कि वे नरेंद्र मोदी के शानदार नेतृत्व से प्रेरित और उत्साहित हुए हैं और अपने समूह का विलय भाजपा में कर रहे हैं।
भाजपा के राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "तेदेपा के राज्यसभा के चार सदस्यों ने दिन में एक बैठक कर भाजपा में विलय का फैसला किया।" इन सांसदों के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि यह सांसद लंबे समय से आंध्र प्रदेश के विकास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिमान नेतृत्व के साथ होना चाह रहे थे। उन्होंने कहा कि चारों सांसद जमीन से जुड़े नेता हैं और यह आंध्र में भाजपा को मजबूत बनाने में मददगार होंगे।
हालांकि इस्तीफे के बावजूद इनकी राज्यसभा सदस्यता नहीं जाएगी क्योंकि पार्टी के मौजूदा सदस्यों में से आधे से ज्यादा सांसदों ने एक साथ पार्टी छोड़ी है। दूसरी ओर लोकसभा में भी टीडीपी के दो ही सांसद बचे हैं। चुनाव से पहले नायडू गैर एनडीए और गैर यूपीए दलों को एक साथ लाना चाहते थे।
सांसद सीएम रमेश, वाईएस चौधरी, टीजी वेंकटेश और जी मोहन राव ने राज्यसभा के चेयरमैन और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। वेंकैया नायडू को संबोधित अपने पत्र में इन सांसदों ने कहा कि वे नरेंद्र मोदी के शानदार नेतृत्व से प्रेरित और उत्साहित हुए हैं और अपने समूह का विलय भाजपा में कर रहे हैं।
भाजपा के राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "तेदेपा के राज्यसभा के चार सदस्यों ने दिन में एक बैठक कर भाजपा में विलय का फैसला किया।" इन सांसदों के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि यह सांसद लंबे समय से आंध्र प्रदेश के विकास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिमान नेतृत्व के साथ होना चाह रहे थे। उन्होंने कहा कि चारों सांसद जमीन से जुड़े नेता हैं और यह आंध्र में भाजपा को मजबूत बनाने में मददगार होंगे।
हालांकि इस्तीफे के बावजूद इनकी राज्यसभा सदस्यता नहीं जाएगी क्योंकि पार्टी के मौजूदा सदस्यों में से आधे से ज्यादा सांसदों ने एक साथ पार्टी छोड़ी है। दूसरी ओर लोकसभा में भी टीडीपी के दो ही सांसद बचे हैं। चुनाव से पहले नायडू गैर एनडीए और गैर यूपीए दलों को एक साथ लाना चाहते थे।
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