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मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना में कांगड़ा के लिए 3 करोड़ स्वीकृत
धर्मशाला। प्रदेश सरकार ने कांगड़ा जिला के लिए मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत वर्ष 2016-17 के लिए 3 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की है। सरकार का प्रयास है कि गांवों को विकास के आदर्श के तौर पर विकसित किया जाए। यह बात मुख्य संसदीय सचिव, सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य, जगजीवन पाल ने धर्मशाला के डीआरडीए सभागार में मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए बुलाई बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। जगजीवन पाल ने कहा कि प्रदेश सरकार गांवों के नियोजित एवं व्यवस्थित विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। सर्वांगीण एवं स्थाई विकास के लक्ष्य के साथ गांवों में सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ आधुनिक सेवाएं एवं तकनीकें उपलब्ध करवाने पर बल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में हर वर्ष दो गांवों का चयन किया जाता है और व्यवस्थित विकास के लिए रूपरेखा बनाकर योजनाएं लागू की जाती हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत जिले में वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक कुल 154 गांवों का चयन किया गया, जिसके उपरांत 153 गांवों को प्राप्त प्रस्तावनाओं के अनुसार विकास कार्यों हेतु स्वीकृति प्रदान की गई। जिन खण्ड विकास अधिकारियों ने संबंधित क्षेत्र से गांवों का चयन नहीं किया है, वे गांव चयनित कर 20 जुलाई तक जिला ग्रामीण विकास अभिकरण कार्यालय में भेजें ताकि समय पर गांवो में विकासात्मक कार्यों को गति दी जा सके।
उन्होेंने खण्ड विकास अधिकारियों को गांवों में चल रहे कार्यों को समय पर पूरा करवाने के भी निर्देश दिये। इस दौरान उपायुक्त कांगड़ा सीपी वर्मा ने कहा कि जिले में मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत चुने गांवों में विकास कार्य प्रगति पर हैं। उन्होंने कहा कि गांवों में जो विकासात्मक कार्य चल रहे हैं उन्हें शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। सी.पी. वर्मा ने कहा कि जिले में सरकारी योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने एवं समय पर पूरा करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। जिला प्रशासन एवं सभी संबंधित विभाग सरकार की योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने के लिए पूर्ण समर्पण से कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर उपनिदेशक व परियोजना अधिकारी डीआरडीए मुनीष शर्मा ने जिला में मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना की प्रगति बारे विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त के.के सरोच, जिला योजना अधिकारी रविन्द्र कटोच, जिला कल्याण अधिकारी नरेन्द्र जरयाल, जिला पंचायत अधिकारी राजेन्द्र धीमान, जिला टीकाकरण अधिकारी चित्रा कौशल सहित विभिन्न विकास खण्डों के खण्ड विकास अधिकारी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में हर वर्ष दो गांवों का चयन किया जाता है और व्यवस्थित विकास के लिए रूपरेखा बनाकर योजनाएं लागू की जाती हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत जिले में वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक कुल 154 गांवों का चयन किया गया, जिसके उपरांत 153 गांवों को प्राप्त प्रस्तावनाओं के अनुसार विकास कार्यों हेतु स्वीकृति प्रदान की गई। जिन खण्ड विकास अधिकारियों ने संबंधित क्षेत्र से गांवों का चयन नहीं किया है, वे गांव चयनित कर 20 जुलाई तक जिला ग्रामीण विकास अभिकरण कार्यालय में भेजें ताकि समय पर गांवो में विकासात्मक कार्यों को गति दी जा सके।
उन्होेंने खण्ड विकास अधिकारियों को गांवों में चल रहे कार्यों को समय पर पूरा करवाने के भी निर्देश दिये। इस दौरान उपायुक्त कांगड़ा सीपी वर्मा ने कहा कि जिले में मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत चुने गांवों में विकास कार्य प्रगति पर हैं। उन्होंने कहा कि गांवों में जो विकासात्मक कार्य चल रहे हैं उन्हें शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। सी.पी. वर्मा ने कहा कि जिले में सरकारी योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने एवं समय पर पूरा करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। जिला प्रशासन एवं सभी संबंधित विभाग सरकार की योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने के लिए पूर्ण समर्पण से कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर उपनिदेशक व परियोजना अधिकारी डीआरडीए मुनीष शर्मा ने जिला में मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना की प्रगति बारे विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त के.के सरोच, जिला योजना अधिकारी रविन्द्र कटोच, जिला कल्याण अधिकारी नरेन्द्र जरयाल, जिला पंचायत अधिकारी राजेन्द्र धीमान, जिला टीकाकरण अधिकारी चित्रा कौशल सहित विभिन्न विकास खण्डों के खण्ड विकास अधिकारी मौजूद थे।
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