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3 बेटियों को जन्म देना बन गया अभिशाप! इस मां को न्याय की दरकार
इलाहाबाद। इलाहाबाद जिले में तीन-तीन बेटियों को जन्म देनी वाली एक मां के उत्पीड़न का गंभीर मामला सामने आया है। तीन बेटियों को जन्म देने की वजह से ससुरालीजनों ने विवाहिता को घर से बाहर निकाल दिया है। खास बात यह है कि कई महीने के बाद महिला थाने में मुकदमा दर्ज होने पर भी पुलिस इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर महिला शमा के मामले को अब जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है, तो वहीं उसे न्याय दिलाने के लिए हाईकोर्ट के अधिवक्ता आनंद कुमार भी आगे आए हैं।
इलाहाबाद के करेली की रहने वाली शमा बानो की शादी करीब छह साल पहले फूलपुर तहसील के बाबूगंज में मोहम्मद फारुख के साथ हुई थी। शादी के बाद सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन इस बीच पति की मानसिक स्थिति खराब हो गई। इसके बाद ससुरालीजनों का शमा के ऊपर अत्याचार शुरू हो गया।
शमा के मुताबिक, बेटियों को जन्म देने की वजह से ससुराल के लोग उसे तरह-तरह से प्रताड़ित करते हैं। इसके साथ ही कई बार उसके साथ उन्होंने मारपीट भी की है। शमा ने कई बार पुलिस की मदद के लिए 100 नंबर पर फोन भी किया, लेकिन कोई खास मदद नहीं मिली। अब शमा ने थक-हारकर 21 जून को महिला थाने में ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। शमा की तीन बेटियों में एक बेटी बोल पाने में असमर्थ है। घर से बेघर हुई शमा के सिर पर तीन अबोध बच्चियों के पालने की भी जिम्मेदारी है।
उधर, इस मामले में जिलाधिकारी ने भी संवेदनशीलता दिखाते हुए पूरे मामले की वरिष्ठ अधिकारी से जांच के बाद पीड़िता को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है।
--आईएएनएस
दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर महिला शमा के मामले को अब जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है, तो वहीं उसे न्याय दिलाने के लिए हाईकोर्ट के अधिवक्ता आनंद कुमार भी आगे आए हैं।
इलाहाबाद के करेली की रहने वाली शमा बानो की शादी करीब छह साल पहले फूलपुर तहसील के बाबूगंज में मोहम्मद फारुख के साथ हुई थी। शादी के बाद सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन इस बीच पति की मानसिक स्थिति खराब हो गई। इसके बाद ससुरालीजनों का शमा के ऊपर अत्याचार शुरू हो गया।
शमा के मुताबिक, बेटियों को जन्म देने की वजह से ससुराल के लोग उसे तरह-तरह से प्रताड़ित करते हैं। इसके साथ ही कई बार उसके साथ उन्होंने मारपीट भी की है। शमा ने कई बार पुलिस की मदद के लिए 100 नंबर पर फोन भी किया, लेकिन कोई खास मदद नहीं मिली। अब शमा ने थक-हारकर 21 जून को महिला थाने में ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। शमा की तीन बेटियों में एक बेटी बोल पाने में असमर्थ है। घर से बेघर हुई शमा के सिर पर तीन अबोध बच्चियों के पालने की भी जिम्मेदारी है।
उधर, इस मामले में जिलाधिकारी ने भी संवेदनशीलता दिखाते हुए पूरे मामले की वरिष्ठ अधिकारी से जांच के बाद पीड़िता को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है।
--आईएएनएस
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