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1984 के सिख दंगे: एसआईटी ने चार लोगों को किया गिरफ्तार
कानपुर। दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कानपुर नगर जिले के घाटमपुर इलाके से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एसआईटी के प्रमुख डीआईजी बालेंदु भूषण ने बताया कि मामले में जल्द ही और गिरफ्तारियां की जाएंगी।
उनके अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान 64 वर्षीय सैफुल्ला खान, 62 वर्षीय विजय नारायण सिंह, 65 वर्षीय योगेंद्र सिंह और 65 वर्षीय अब्दुल रहमान के रूप में हुई है।
एसआईटी के मुताबिक, दंगों में शामिल अन्य आरोपी फिलहाल जांच के घेरे में हैं।
गिरफ्तारी 1984 के सिख विरोधी दंगों के सिलसिले में की गई है, जो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में हुए थे।
एसआईटी का गठन तीन साल पहले 2019 में केंद्रीय मंत्रालय द्वारा 1984 के सिख विरोधी दंगों के सात मामलों को फिर से खोलने के लिए किया गया था, जहां आरोपियों को या तो बरी कर दिया गया था या उनके खिलाफ मुकदमों को बंद कर दिया गया था।
विशेष रूप से एसआईटी ने अपनी जांच में, 1984 के सिख दंगों में 94 आरोपियों की पहचान की है, जिनमें से 74 लोग जीवित हैं।
एसआईटी के डीआईजी बालेंदु भूषण ने कहा, "यह 1984 का पुराना मामला है इसलिए एसआईटी को आरोपियों को पकड़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हम तीन साल से जांच कर रहे हैं और जानकारी जुटा रहे हैं। जांच के आधार पर 70 से अधिक लोगों की पहचान की गई, जिनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है।"
--आईएएनएस
उनके अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान 64 वर्षीय सैफुल्ला खान, 62 वर्षीय विजय नारायण सिंह, 65 वर्षीय योगेंद्र सिंह और 65 वर्षीय अब्दुल रहमान के रूप में हुई है।
एसआईटी के मुताबिक, दंगों में शामिल अन्य आरोपी फिलहाल जांच के घेरे में हैं।
गिरफ्तारी 1984 के सिख विरोधी दंगों के सिलसिले में की गई है, जो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में हुए थे।
एसआईटी का गठन तीन साल पहले 2019 में केंद्रीय मंत्रालय द्वारा 1984 के सिख विरोधी दंगों के सात मामलों को फिर से खोलने के लिए किया गया था, जहां आरोपियों को या तो बरी कर दिया गया था या उनके खिलाफ मुकदमों को बंद कर दिया गया था।
विशेष रूप से एसआईटी ने अपनी जांच में, 1984 के सिख दंगों में 94 आरोपियों की पहचान की है, जिनमें से 74 लोग जीवित हैं।
एसआईटी के डीआईजी बालेंदु भूषण ने कहा, "यह 1984 का पुराना मामला है इसलिए एसआईटी को आरोपियों को पकड़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हम तीन साल से जांच कर रहे हैं और जानकारी जुटा रहे हैं। जांच के आधार पर 70 से अधिक लोगों की पहचान की गई, जिनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है।"
--आईएएनएस
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