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असम में सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में 15 लोगों को दोषी ठहराया
गुवाहाटी। केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) के एक विशेष अदालत ने 30 अक्टूबर, 2008 को असम में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के प्रमुख रंजन दैमारी सहित 15 लोगों को दोषी ठहराया है। दोषियों को बुधवार को सजा सुनाई जाएगी।
दैमारी इस सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी था, जिसमें 88 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 540 अन्य घायल हुए थे। विस्फोट गुवाहाटी के गणेशगुरी, पानबाजार व कचहरी क्षेत्र में और बारपेटा, कोकराझार ओर बोंगाईगांव में करीब-करीब एकसाथ हुए थे। केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) ने 2009 में एनडीएफबी प्रमुख और 22 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था।
आरोप-पत्र में 650 प्रत्यक्षदर्शियों के नाम थे और पोस्ट-मार्टम रपटें, पकड़े गए लोगों की कबूलनामे, कुछ आरोपियों द्वारा कॉल की जानकारी समेत 682 दस्तावेज शामिल थे। अभियोजन के अनुसार, कुल मिलाकर नौ विस्फोट किए गए थे, जिसमें से गुवाहाटी में हुए तीन विस्फोटों में 53 लोग मारे गए थे, कोकराझार में हुए तीन विस्फोट में 20 लोग और बारपेट में हुए विस्फोट में 15 लोग मारे गए थे। बोंगईगांव में हुए विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ था।
दैमारी को बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया था और मई 2010 में उसे भारतीय अधिकारियों को सुपूर्द कर दिया गया था। डी.आर. नाबला के रूप में भी पहचाने जाने वाले दैमारी ने तीन अक्टूबर, 1986 को बोरो सुरक्षा बल का गठन किया था और बाद में इसका नाम बदलकर एनडीएफबी कर दिया था। संगठन ने हालांकि 2005 में भारत सरकार के साथ संघर्षविराम समझौता किया था, लेकिन उसने प्राय: समझौते का उल्लंघन किया। जांच एजेंसी द्वारा 2008 में सिलसिलेवार बम विस्फोट में दैमारी को नामजद करने के बाद संगठन दो भागों में बंट गया था।
दैमारी इस सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी था, जिसमें 88 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 540 अन्य घायल हुए थे। विस्फोट गुवाहाटी के गणेशगुरी, पानबाजार व कचहरी क्षेत्र में और बारपेटा, कोकराझार ओर बोंगाईगांव में करीब-करीब एकसाथ हुए थे। केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) ने 2009 में एनडीएफबी प्रमुख और 22 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था।
आरोप-पत्र में 650 प्रत्यक्षदर्शियों के नाम थे और पोस्ट-मार्टम रपटें, पकड़े गए लोगों की कबूलनामे, कुछ आरोपियों द्वारा कॉल की जानकारी समेत 682 दस्तावेज शामिल थे। अभियोजन के अनुसार, कुल मिलाकर नौ विस्फोट किए गए थे, जिसमें से गुवाहाटी में हुए तीन विस्फोटों में 53 लोग मारे गए थे, कोकराझार में हुए तीन विस्फोट में 20 लोग और बारपेट में हुए विस्फोट में 15 लोग मारे गए थे। बोंगईगांव में हुए विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ था।
दैमारी को बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया था और मई 2010 में उसे भारतीय अधिकारियों को सुपूर्द कर दिया गया था। डी.आर. नाबला के रूप में भी पहचाने जाने वाले दैमारी ने तीन अक्टूबर, 1986 को बोरो सुरक्षा बल का गठन किया था और बाद में इसका नाम बदलकर एनडीएफबी कर दिया था। संगठन ने हालांकि 2005 में भारत सरकार के साथ संघर्षविराम समझौता किया था, लेकिन उसने प्राय: समझौते का उल्लंघन किया। जांच एजेंसी द्वारा 2008 में सिलसिलेवार बम विस्फोट में दैमारी को नामजद करने के बाद संगठन दो भागों में बंट गया था।
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