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महामारी के प्रकोप के बीच जन्म लेंगे 11.6 करोड़ बच्चे - यूनिसेफ
संयुक्त राष्ट् । यूनाइटेड नेशन चिल्ड्रन फंड (यूनिसेफ) ने कहा है कि एक अनुमान के अनुसार, कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप के बीच 11.6 करोड़ बच्चों का जन्म होगा। नई माताएं और नवजात शिशु कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के तहत किए गए वैश्विक रोकथाम उपायों का अनुभव करेंगे। लॉकडाउन व कर्फ्यू, भरे हुए स्वास्थ्य केंद्र, आपूर्ति और उपकरण की कमी सहित पर्याप्त कुशल दाइयों की कमी इसमें शामिल हैं।
10 मई को मदर्स डे से दो दिन पहले आई इस रिपोर्ट को इस वर्ष कुछ 128 देशों द्वारा चिह्न्ति किया जाएगा।
यूनिसेफ की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेनरीटा फोर ने कहा, "दुनिया भर में लाखों माताओं ने दुनिया में पैरंटहुड की ओर अपनी यात्रा की शुरुआत की है।"
उन्होंने कहा, "मां बनने वाली महिलाएं (कोविड-19 संक्रमण से) संक्रमित होने के डर से हेल्थ सेंटर जाने को लेकर दुविधा में होने के साथ ही लॉकडाउन के चलते इमरजेंसी केयर की कमी के चलते घबराई हुई हैं, ऐसे में उन्हें दुनिया में एक जीवन (बच्चे का जन्म) को लाने की तैयारी खास तरीके से करनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "इस बात की कल्पना करना कठिन है कि कोरोनावायरस महामारी ने किस प्रकार से मातृत्व की परिभाषा को बदल दिया है।"
--आईएएनएस
10 मई को मदर्स डे से दो दिन पहले आई इस रिपोर्ट को इस वर्ष कुछ 128 देशों द्वारा चिह्न्ति किया जाएगा।
यूनिसेफ की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेनरीटा फोर ने कहा, "दुनिया भर में लाखों माताओं ने दुनिया में पैरंटहुड की ओर अपनी यात्रा की शुरुआत की है।"
उन्होंने कहा, "मां बनने वाली महिलाएं (कोविड-19 संक्रमण से) संक्रमित होने के डर से हेल्थ सेंटर जाने को लेकर दुविधा में होने के साथ ही लॉकडाउन के चलते इमरजेंसी केयर की कमी के चलते घबराई हुई हैं, ऐसे में उन्हें दुनिया में एक जीवन (बच्चे का जन्म) को लाने की तैयारी खास तरीके से करनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "इस बात की कल्पना करना कठिन है कि कोरोनावायरस महामारी ने किस प्रकार से मातृत्व की परिभाषा को बदल दिया है।"
--आईएएनएस
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